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बेंगलुरु में आज नहीं बनेगी किसी शख्स की परछाई…क्यों होगी यह दिलचस्प घटना

(शशि कोन्हेर) : सौरमंडल में आए दिन कुछ न कुछ चौंकाने वाली घटनाएं होती रहती हैं। ऐसी ही एक अनोखी घटना 25 अप्रैल को बेंगलुरू में होने वाली है। इस दिन बेंगलुरू में कुछ क्षण के लिए परछाई पूरी तरह से गायब हो जाएगी। सुनने में भले ही यह हैरान करने वाली बात लगे, लेकिन ऐसा होना तय है।

यह घटना दोपहर करीब सवा बारह बजे होगी। इसे जीरो शैडो डे का नाम दिया गया है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स अपने कैंपस में इस मौके पर एक खास कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इसको लेकर बेंगलुरू के लोगों में भी खासा उत्साह है। लोग इस इवेंट की तैयारी करते हुए तस्वीरें ट्वीट कर रहे हैं।

क्या है जीरो शैडो डे?
एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी ऑफ इंडिया के मुताबिक दोपहर में सूरज किसी भी ऑब्जेक्ट की परछाई नहीं बनाएगा। इस वक्त यह बिल्कुल चरम स्थिति में होगा और इसके चलते यह घटना होगी। एएसआई ने आगे कहा कि जीरो शैडो डे उष्णकटिबंधीय (कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच) में स्थानों के लिए साल में दो बार होता है। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए, सूरज का झुकाव उत्तरायण और दक्षिणायन दोनों के दौरान अक्षांश के बराबर होगा।

आखिर क्यों होता है ऐसा?
एएसआई ने बताया कि एएसआई ने कहा कि पृथ्वी की घूर्णन धुरी सूरज के चारों ओर परिक्रमा के लिए 23.5 डिग्री पर झुकी हुई है। इसके चलते ही अलग-अलग मौसम आते हैं। इसका मतलब यह है कि सूरज, दिन के अपने शीर्ष बिंदु पर, खगोलीय भूमध्य रेखा के 23.5 डिग्री दक्षिण से भूमध्य रेखा (उत्तरायण) के 23.5 डिग्री उत्तर में और एक साल में फिर से दक्षिणायन की ओर बढ़ेगा। इस रोटेशन के चलते जीरो शैडो डे उत्तरायण और दक्षिणायन के दौरान होता है। ऐसे में 23.5 डिग्री उत्तर और 23.5 डिग्री दक्षिण अक्षांश के बीच रहने वाले लोगों के लिए सूरज का झुकाव दो बार उनके अक्षांश के बराबर होगा।

कितने देर के लिए होगा जीरो शैडो डे?
वैसे तो यह रोचक और अनोखी घटना सेकंड के कुछ हिस्से के लिए होगी। लेकिन इसका प्रभाव करीब एक-डेढ़ मिनट तक रहेगा। इससे पहले ओडिशा के भुवनेश्वर में 2021 में जीरो शैडो डे महसूस किया जा चुका है।

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