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सीएम केजरीवाल को राहत नहीं, जानिए हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी और जमानत पर क्या कहा….

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को फिलहाल जेल में ही रहना होगा। हाई कोर्ट ने सीबीआई की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है, जबकि जमानत की याचिका पर 29 जुलाई को सुनवाई होगी। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक को ईडी केस में पहले ही सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है, लेकिन सीबीआई केस में गिरफ्तारी की वजह से बाहर नहीं निकल पाए हैं।

बुधवार को जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की अदालत में लंबी सुनवाई हुई। केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और सीबीआई की तरफ से हाजिर हुए डीपी सिंह ने कई दलीलें रखीं। जस्टिस कृष्णा ने कहा, ‘गिरफ्तारी पर फैसले के लिए मुझे 7-10 दिन की जरूरत है। जमानत पर 29 जुलाई को बहस होगी।’ केजरीवाल की ओर से सिंघवी ने गिरफ्तारी की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए उनके खराब स्वास्थ्य का भी हवाला दिया। वहीं, सीबीआई ने गिरफ्तारी को जायज बताते हुए कहा कि जमानत याचिका पर सुनवाई पहले ट्रायल कोर्ट में होनी चाहिए, इसके लिए सीधे हाई कोर्ट में याचिका दायर करना ठीक नहीं है।

सीबीआई ने कहा कि वे पंजाब सरकार के कुछ अधिकारियों की भी जांच करना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए मंजूरी नहीं दी गई। जांच को रोकने की कोशिश की गई। सिंह ने कहा, ‘सवाल यह है कि कौन प्रभाव डाल सकता है और जांच को डिटेल कर सकता है। यही (केजरीवाल) वह शख्स हैं। हमारे पास पर्याप्त सामग्री है। यह उन्हें गिरफ्तार करने का सही समय था। कौन देखता है कि गिरफ्तारी वैध या अवैध? मेरी पहली परीक्षा तब कोर्ट ने ली जब उन्हें पेश किया गया। और हमने परीक्षा पास की।’

सीबीआई के वकील ने केजरीवाल को मिली जमानत आदेशों का जिक्र करते हुए कहा, ‘पहला आदेश चुनाव के लिए था। क्या इस पर वे बघार सकते हैं? यह हमारी ज्यूडिशियल सिस्टम की मजबूती दिखाता है कि चुनाव के लिए जमानत दी गई। यह दिखाता है कि हम पाकिस्तान जैसे नहीं है, जैसा कि उन्होंने कहा।’ बेच ने कहा, ‘सही, पहली जमानत चुनाव के लिए थी, लेकिन दूसरा और तीसरा आदेश मेरिट पर था।’ इस पर सीबीआई ने कहा, ‘नहीं, दूसरा जो आदेश ट्रायल कोर्ट की तरफ से था उस पर वजहें बताते हुए इस कोर्ट ने रोक लगा दी है।’

सीबीआई ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 10 मई को केवल प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी। मैं इसे इस रूप में देखथा हूं कि गिरफ्तारी पर कोई रोक नहीं है। वह ईडी केस में बाहर निकले। हम उस दिन भी गिरफ्तार कर सकते थे। लेकिन यह कुछ ऐसा होता जिसे अधिक आगे बढ़ना कहा जाता। एक जिम्मेदार एजेंसी होने के नाते हमने इंतजार करने का फैसला किया। 2 जून को उन्होंने सरेंडर किया। हम उन्हें गिरफ्तार करना चाहते थे लेकिन वह अंतरिम जमानत पर थे। हमने ऐसा नहीं किया क्योंकि इसे कानून में दुर्भावना कहा जाता।’

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