गगनयान ही नहीं, इस साल तीन और मिशन होंगे लॉन्च, इसरो चीफ ने यह बताया..
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) इस साल अपने बहुप्रतीक्षित मिशन गगनयान की तैयारियों में जुटा है। गगनयान के अलावा, तीन और मिशन भी इस साल लॉन्च के लिए तैयार हैं। खुद इसरो प्रमुख के सोमनाथ ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष गगनयान मिशन एक महत्वपूर्ण चरण में है। इस मिशन को सफल बनाने के लिए इसरो विभिन्न अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
इसरो के अध्यक्ष डॉ. एस सोमनाथ ने एनडीटीवी को बताया कि इस वर्ष तीन महत्वपूर्ण मिशन शेड्यूल हैं। उन्होंने कहा, “इस साल हम गगनयान को लेकर बेहद महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं।
हमारे पास तीन और महत्वपूर्ण मिशन शेड्यूल हैं। पहला और सबसे महत्वपूर्ण मानव रहित मिशन है जो पृथ्वी की कक्षा में जाएगा, कक्षा में समय बिताएगा और वापस लौटेगा। दूसरा मिशन इक्विपमेंट्स और एल्गोरिदम को टेस्ट करने के बारे में है। तीसरा मिशन लॉन्च पैड सिनेरियो की जांच करने के लिए निर्धारित है। यह एक टेस्ट मिशन होगा।”
इसके अलावा, भारत की नेशनल स्पेस एजेंसी के पास सबसे महत्वपूर्ण मानवयुक्त मिशन गगनयान भी है। इसके लिए चार अंतरिक्षयात्री नामित किए गए हैं। डॉ. सोमनाथ ने बताया कि उनमें से केवल एक ही अंतरिक्ष में जाएगा।
हालांकि उन्होंने कहा कि सभी को एक सामन ट्रेन किया जाएगा। मिशन लॉन्च की तारीख के बारे में बोलते हुए डॉ. सोमनाथ ने कहा, “अगर सब कुछ ठीक रहा तो गगनयान की पहली टेस्ट फ्लाइट अगले साल के अंत में निर्धारित है। लेकिन सब कुछ हमारी प्रगति पर निर्भर करता है।”
डॉ. सोमनाथ ने बताया कि गगनयान की पहली चालक दल वाली उड़ान अंतरिक्ष में एक दिन तक चल सकती है, जिसमें अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी की 16 परिक्रमाएं करेगा। इससे पर्यावरणीय जीवन समर्थन और नियंत्रण प्रणालियों का प्रभावी ढंग से परीक्षण किया जा सकेगा। यानी इसरो का पहला इंसानी मिशन एक दिन के लिए स्पेस में उड़ान भरेगा और वापस आएगा। सबकुछ ठीक रहा तो फिर अगले मिशन की ओर बढ़ा जाएगा।
दरअसल गगनयान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का मानव अंतरिक्ष मिशन है। इस मिशन का उद्देश्य भारत को मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता प्रदान करना है। गगनयान मिशन के तहत, इसरो तीन अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना बना रहा है। इस मिशन का प्रमुख लक्ष्य भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल करना है, जिनके पास स्वतंत्र मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम है।
प्रशांत नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और शुभांशु शुक्ला भारतीय वायु सेना के चार टेस्ट पायलट हैं जिन्हें गगनयान मिशन के लिए चुना गया है। मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन का उद्देश्य तीन सदस्यों वाले चालक दल को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और एक सप्ताह तक वहां रहने के बाद उन्हें वापस लाना है।