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अब सारी दुनिया में भारत का जलवा, जानिए क्यों कहे रहे हम ऐसा..

कैलिफोर्निया की टेक कंपनी ने भारत को अपना नया मैन्युफैक्चरिंग हब बना दिया है और यहां से नए-पुराने कई iPhone मॉडल्स का प्रोडक्शन शुरू हो गया है। कंपनी ने साल 2024 में करीब 14 प्रतिशत आईफोन भारत से सोर्स किए हैं। नई रिपोर्ट में सामने आया है ।

कि अब हर 7 में से एक iPhone यूनिट का प्रोडक्शन भारत में किया जा रहा है। हालांकि, कंपनी अभी सारे कंपोनेंट्स भारत में नहीं बना रही और आईफोन्स की असेंबली भारत में हो रही है।

ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि वित्तीय वर्ष 2024 में भारत में असेंबल होने वाले ऐपल आईफोन यूनिट्स की वैल्यू 14 अरब डॉलर (लगभग 1,164 अरब रुपये) के करीब है। भारत में ऐपल का मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर Foxconn देश में बने फोन्स का सबसे बड़ा सप्लायर है।

इसकी ओर से करीब 67 प्रतिशत प्रोडक्शन हो रहा है और वहीं Pegatron करीब 17 पर्सेंट मैन्युफैक्चरिंग करता है। इसके अलावा पिछले साल कर्नाटक में Wistron का प्लांट खरीदने के बाद टाटा ग्रुप बाकी का प्रोडक्शन कर रहा है।

आईफोन मेकर ने चीन में अपना प्रोडक्शन कम करने के लिए पिछले कुछ साल में बड़े बदलाव किए हैं। चीन के बजाय ऐपल ने भारत और वियतनाम में अपना निवेश बढ़ा दिया है और अगले कुछ साल में भारत और वियतनाम में ही सबसे ज्यादा ऐपल डिवाइसेज का प्रोडक्शन किया जाएगा। टाटा ग्रुप भी पेगाट्रॉन के साथ बात कर रहा है और उनके चेन्नई के पास मौजूद प्लांट पर टेकओवर कर सकता है।

भारत में PLI (प्रोडक्ट लिंक्ड इनसेंटिव) स्कीम्स और सस्ते लेबर के चलते ऐपल ही नहीं, दूसरी बड़ी टेक कंपनियां भी यहां मैन्युफैक्चरिंग शुरू कर रही हैं। इसके अलावा टाटा ग्रुप भी आईफोन प्रोडक्शन में बड़े स्तर पर ऐपल की मदद कर रहा है। ऐपल को चीन में मैन्युफैक्चरिंग में कुछ दिक्कतें आई थीं और सप्लाई चेन से जुड़ी परेशानी के चलते कई डिवाइसेज का प्रोडक्शन रुका रहा था। कंपनी दोबारा ऐसी स्थिति से बचना चाहती है।

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