अब “भारत न्याय यात्रा” पर निकलेंगे राहुल गांधी….इन राज्यों को करेंगे कवर
राहुल गांधी अब आम चुनाव से पहले एक और यात्रा पर निकलने वाले हैं। वह 14 जनवरी से मणिपुर से मुंबई तक की यात्रा पर निकलेंगे, जो 20 मार्च तक चलेगी। 14 राज्यों से गुजरने वाली यह यात्रा पूर्वोत्तर भारत से देश के पश्चिमी हिस्से को जोड़ेगी। लंबे समय से चर्चा थी कि राहुल गांधी एक और यात्रा पर निकलने वाले हैं, जिसका अब ऐलान हुआ है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि रणनीति के तहत इसकी शुरुआत मणिपुर से करने का फैसला हुआ है, जहां भीषण दंगे हुए थे। इससे कांग्रेस दंगों के मामले में भाजपा को घेरने की कोशिश करेगी। इसके अलावा महाराष्ट्र तक जाने का प्लान है।
खबर है कि यह यात्रा पूरी तरह से पैदल नहीं होगी बल्कि हाइब्रिड मोड में होगी। इस यात्रा पर निकले राहुल गांधी आम लोगों से मुलाकात करेंगे और सामाजिक संगठनों के लोगों से भी बातचीत करेंगे। इससे पहले बीते साल भी राहुल गांधी ने 5 महीने लंबी यात्रा निकाली थी। यह यात्रा कन्याकुमारी से शुरू होकर श्रीनगर गई थी। इस यात्रा के तहत 150 दिनों में 4500 किलोमीटर का सफर तय किया गया था। हालांकि इस यात्रा में कई अहम राज्य छूट गए थे। अब कांग्रेस पार्टी उन राज्यों को कवर करने का प्रयास करेगी। बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस इस यात्रा को अपनी ताकत बढ़ाने के अवसर के तौर पर देख रही है।
बता दें कि 21 दिसंबर को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग थी। इस मीटिंग में पार्टी नेताओं ने मांग की थी कि राहुल गांधी को अगली यात्रा पर निकलना चाहिए। पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि 14 जनवरी को मल्लिकार्जुन खरगे इम्फाल में यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे। जयराम रमेश ने कहा कि यह गरीबों के साथ हुए आर्थिक, सामाजिक अन्याय पर फोकस यात्रा होगी। वेणुगोपाल ने यात्रा के रूट की पूरी जानकारी देते हुए कहा कि यह 14 राज्यों के 85 जिलों से होकर गुजरेगी।
यात्रा के तहत राहुल गांधी और उनकी टीम मणिपुर से शुरुआत कर नागालैंड होते हुए असम, मेघालय के रास्ते बंगाल आएगी। फिर बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, यूपी और एमपी का रूट बनेगा। यही नहीं मध्य प्रदेश से निकलकर यात्रा राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र जाएगी। इस तरह पूर्वोत्तर भारत से निकली यात्रा मध्य, उत्तर भारत से होते हुए पश्चिमी राज्यों तक जाएगी। इससे पहले पार्टी ने अरुणाचल से गुजरात के पोरबंदर तक का प्लान बनाया था, लेकिन मणिपुर में हुई हिंसा के बाद योजना बदल गई।