देश

अब भाजपा की गाड़ी में पीछे नहीं वरन, ड्राइविंग सीट पर ही बैठना चाहते हैं, आरएसएस के कार्यकर्ता

(शशि कोन्हेर) : बात केवल मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ अथवा राजस्थान की नहीं है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को लेकर एक प्रकार से नापसंदगी घर करती जा रही है। उन्हें ऐसा लगता है कि पार्टी की सरकार लाने के लिए जमीन पर लगातार मेहनत RSS के कार्यकर्ता करते हैं। जबकि सरकार बनने के बाद जिन नेताओं को उन्होंने चुनाव जितवाया था।

वे ही उनकी उपेक्षा और अपमान करने लग जाते हैं। फिर आरएसएस के कार्यकर्ताओं को ऐसा लगने लग गया है कि भाजपा हाई कमान ने, चाहे मध्यप्रदेश हो छत्तीसगढ़ अथवा राजस्थान…! कहीं भी नेतृत्व की सेकंड लाइन बनाकर नहीं रखी है। वरन इन तीनों ही प्रदेशों में भारतीय जनता पार्टी का बंटाधार करने के लिए जो नेता जिम्मेदार हैं उनके हाथ में अभी भी पार्टी की कमान बनी हुई है।

इससे एक तरह का आक्रोश RSS के कार्यकर्ताओं में बना हुआ है। इसलिए भारतीय जनता पार्टी को इन घिसे-पिटे नेताओं के भरोसे नहीं छोड़ना चाहते। अब RSS में एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसा है, जो अब भारतीय जनता पार्टी की बस में पीछे की बजाय ड्राइविंग सीट पर बैठकर पूरी पार्टी को नियंत्रित करना चाहते हैं। बीते कुछ अर्से से आरएसएस के कार्यकर्ताओं की ओर से संघ के समर्पित कार्यकर्ताओं को टिकट देने की मांग ऐसे ही घटनाक्रमों से बढती जा रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button