(भूपेंद्र सिंह राठौर) : बिलासपुर – कानन पेंडारी जू में बाघ के नन्हे शावको की अठखेलियां एक जनवरी को पर्यटक देख पाएंगे। प्रबंधन ने इन्हें खुले केज के अंदर छोड़ने का निर्णय लिया है।
साल के पहले दिन भीड़ अधिक रहती है। इसलिए पर्यटकों को इन्हें दिखाने का निर्णय लिया गया है।
यहां के चारों शावकों का जन्म कानन पेंडारी चिड़ियाघर में ही हुआ है। इनमें से एक नर है, जिसका नाम मितान और अन्य तीन मादा हैं। इन्हें जू प्रबंधन आनंदी, दिशा और रश्मि कहकर पुकारते हैं। जन्म के बाद से शावक मां रंभा के साथ बंद केज में रहते थे। शावक जब पूरी तरह परिपक्व हो गए, तब उन्हें 26 नवंबर से पर्यटकों के सामने लाया गया।
हालांकि जू प्रबंधन ने व्यवस्था बनाई है, जिसके तहत यह केवल गुरुवार को ही पर्यटकों को नजर आते हैं। अन्य दिनों में इन्हें बंद केज के अंदर ही रखा जाता है।इधर अधिकांश पर्यटकों की नजर शावकों को ढूंढती है। कई बार पर्यटक जिद भी करते हैं, लेकिन व्यवस्था के विपरित जू प्रबंधन नहीं जा सकता। इसलिए निवेदन के बाद भी शावकों को नहीं छोड़ा जाता है।
साल के पहले दिन एक जनवरी को पर्यटकों की बड़ी संख्या को देखते हुए जू प्रबंधन ने इस दिन चारों शावकों को पर्यटकों को दिखाने का निर्णय लिया है। यह पर्यटकों के लिए बड़ा तोहफा होगा। जू प्रबंधन का मानना है कि शावक पर्यटकों के बीच आकर्षक का केंद्र रहेंगे। अधिकांश पर्यटक इन शावकों की केज के अंदर की अठखेलियां देखना चाहेंगे।
पर्यटकों की भीड़ शरारती भी होती हैं। इनके द्वारा अक्सर खाने- पीने की चीजों को केज अंदर फेंक दिया जाता है। पानी बाटल फेंकते कई बार पर्यटकों को पकड़ा गया है। पत्थर भी मारते हैं। ऐसी स्थिति निर्मित न हो, इसलिए इनके केज के सामने विशेष तौर पर जू कर्मी और वनकर्मी तैनात किए जाएंगे।जो पर्यटकों की हर एक गतिविधियों पर नजर रखेंगे।