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संघ प्रमुख, डा मोहन भागवत की भेंट-मुलाकातों को लेकर बड़के ओवैसी.. वहीं कांग्रेस ने कहा…ये भारत जोड़ो यात्रा का असर है…और दिया निमंत्रण..!

(शशि कोन्हेर) : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत की मुस्लिम बुद्धिजीवियों से हुई घंटे भर की चर्चाओं और मस्जिद में जाकर मौला मां से मुलाकातों को लेकर देश में तरह तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रहे हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि आर एस एस की विचारधारा पूरी दुनिया जानती है। उन्होंने खुद को भाजपा की बी टीम कहे जाने के आरोपों को लेकर कहा… हम पर शक क्यों किया जाता है..? जो लोग मिलकर आए हैं… उन से पूछिए कि क्या बात करके आए हैं।

श्री ओवैसी ने संघ प्रमुख से मुलाकात करने वाले मुस्लिम बुद्धिजीवियों पर तंज कसते हुए कहा कि यह जो सोचते हैं उसे ही सच मानते हैं। और हम जो राजनीतिक और मौलिक अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। हम बुरे हो जाते हैं। ओवैसी ने संघ प्रमुख से मुलाकात करने वाले बुद्धिजीवियों के बारे में कहा कि.. यह जो तबका खुद को ज्ञानी समझता है। उसे हकीकत से कोई ताल्लुक नहीं है। जमीन पर क्या हो रहा है वह उन्हें मालूम नहीं है। बीएफ उन्होंने व्यंग्य किया कि आप आराम से जिंदगी जीते हैं और आर एस एस प्रमुख से मुलाकात कर लेते हैं।

ओवैसी ने इन मुस्लिम बुद्धिजीवियों से कहा कि यह आपका लोकतांत्रिक अधिकार है। मैं आपसे सवाल नहीं कर रहा। लेकिन फिर आपको भी मुझसे सवाल करने का कोई हक नहीं है। 22 सितंबर को मस्जिद जाकर इमाम से मिलने वाले मोहन भागवत ने 20 सितंबर को भी मुस्लिम बुद्धिजीवियों के एक 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरेशी, दिल्ली के पूर्व राज्यपाल नजीब जंग, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति जमीरउद्दीन शाह, पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी और कारोबारी शहीद शेरवानी शामिल थे। संघ प्रमुख की मुलाकातों को लेकर कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी श्री पवन खेड़ा ने ट्वीट किया है कि अभी भारत जोड़ो यात्रा को 15 दिन ही हुए हैं. और भाजपा के प्रवक्ता गोडसे मुर्दाबाद बोलने लगे हैं।

वहीं भाजपा के मंत्री मीडिया से फैलने वाली नफरत पर चिंतित होने लगे हैं और मोहन भागवत इमाम के पास पहुंच गए हैं…आगे आगे देखिएगा होता क्या है..? वहीं कांग्रेस प्रवक्ता गौरव बल्लव ने मोहन भागवत को भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का न्योता भी दे दिया है।

उन्होंने कहा कि हम भागवत जी से अनुरोध करते हैं कि अगर कुछ दिनों की यात्रा का उन पर इतना प्रभाव पड़ा है तो उन्हें 1 घंटे के लिए बाहर जो यात्रा में हिस्सा लेना चाहिए। तिरंगा हाथ में लेकर राहुल गांधी के साथ चलना चाहिए। और भारत माता की जय तथा राष्ट्रीय एकता के नारे लगाना चाहिए।

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