गोल बाजार की जमीन का मालिकाना हक व्यवसायियों को 2% दर पर दिया जाए, बृजमोहन अग्रवाल ने गोल बाजार का मालिकाना देने के नाम से मनमानी वसूली का मामला विधानसभा में उठाया
(शशि कोन्हेर) : रायपुर – भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आज गोल बाजार रायपुर के व्यवसायियों से मालिकाना हक के नाम पर मनमाने पैसे वसूली का मामला विधानसभा में उठाते हुए कहा कि सरकार 125 साल पुराना ऐतिहासिक गोल बाजार को बेचना चाह रही है। रायपुर नगर निगम को गोल बाजार 1 रुपए में उपलब्ध कराया गया है। नगर निगम इसे बेचकर सैकड़ों करोड़ रुपया कमाने में लगी हुई है। विकास शुल्क के नाम पर 1000 रुपए प्रति फुट राशि वसूली जा रही है और वह भी हर मंजिल के हिसाब से ऐसी वसूली देश में कहीं नहीं हुई होगी।
बृजमोहन अग्रवाल ने सदन में कहा कि उत्तर में लिखा है एवं टाउन प्लैनिंग से उनकी योजना को पास कराया जाएगा बिना पास करें आपने व्यपारियो को कैसे नोटिस दे दी। पैसे वसूली की बात कैसे कर रहे हैं। मंत्री ने उत्तर में लिखा है कि भूमि विकास 1984 के अंतर्गत लेआउट पास करने एवं नगरपालिका अधिनियम 1956 की धारा 294 के तहत भवन अनुज्ञा नियमों में छूट प्रदान किए जाने का प्रस्ताव पर्यावरण विभाग को प्रेषित किया गया है जब आपको अनुज्ञा मिल ही नहीं है तो आपने व्यापारियों को नोटिस कैसे दी है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि गोल बाजार 125 साल पुराना है अंग्रेजों के समय का बाजार हैं देश के आजादी के बाद इसे गांधी बाजार अ और ब का नाम दिया गया था। व्यापारी यहां पर 125 साल से व्यवसाय कर रहे हैं सरकार के राजस्व में नियम है 30 साल जिसका कब्जा हो गया वह मालिक हो गया 100 साल के बाद तो उनको बेचने का अधिकार मिल जाता है। ये कब्जाधारी नही है इन्हें तो बाकायदा 125 साल पहले जमीन व्यवसाय हेतु आबंटित की गई थी।
125 साल में कई पीढ़ी गुजर गई वे नियमो के हिसाब से स्वयं मालिक है। तो आप उन्हें मालिकाना हक कैसे देंगे?
श्री अग्रवाल ने कहा कि गोल बाजार मामले के सारे दस्तावेज रिकॉर्ड पटल में रखे जाने चाहिए मंत्री जी विधानसभा में गलत जानकारी दे रहे हैं नगर निगम को जमीन किस नियम के तहत किस उद्देश्य के तहत दिया गया है, 1 रुपए में जमीन क्यो दी गई? स्थानीय संस्थाएं हैं उनका क्या उद्देश्य है? उनका उद्देश्य जनता की सेवा करना है या पैसा कमाना है। निगम के क्या-क्या काम है इसके नियम बने हुए हैं उनका काम पैसा कमाना नहीं है उनका काम लोगों की सेवा करना है। 1 रुपए में सरकार से जमीन लेकर उस जमीन से 159 करोड़ कमाने के लिए कार्रवाई कर रहे हैं। जो लोग पूछते नहीं वहां है 125 साल से काबिज है मेरा तो यह मानना है कि उनको तो वैसे ही बुला कर माला पहनाया जाना चाहिए कि आप कई पीढ़ियों से काम कर रहे हो, उनका सम्मान करना चाहिए। गोल बाजार के दुकानदारों को फ्री में पट्टा दिया जाना चाहिए इसका उल्लेख करना चाहिए, मंत्री जी इसका उल्लेख क्यों नहीं कर रहे हैं।
श्री अग्रवाल ने कहा कि जन्म से मृत्यु तक उपयोग होने वाला हर समान गोल बाजार में मिलता है। ताला बनाने वाले, चाबी बनाने वाले, फोटो फ्रेम बनाने वाले, रंगोली बेचने वाले, चूड़ी बेचने वाले, फुंदरी बेचने वाले, मटका बेचने वाले, नारियल बेचने वाल, रुई बेचने वाले हैं, पेटी बेचने वाले, छोटे छोटे व्यापारी वहां पर व्यवसाय करते हैं, संकरी संकरी गलियां है, 3 फीट की गलियां, 5 फीट की गली है उनका भी रेट आपने वही रखा है जो मेन रोड का है बंजारी रोड का है बेचारे छोटे-छोटे व्यापारी 100 फुट, 150 फुट कल जो रेट आएगा वह 29 लाख रुपया आएगा मैं इतना पैसा कहां से देंगे छोटे छोटे व्यापारी क्या इतना पैसा देख सकते हैं 150 फीट जमीन का ₹29000 होता है सरकार इन गरीब व्यापारियों का पूरा पैसा माफ करें और इनकी जमीन फ्री होल्ड करें फ्री होल्ड करने तो 2% शुल्क लगता है यही शुल्क इनसे लिया जाए।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि हमने कभी 15 साल में इन को तोड़ने की नोटिस नहीं दी है हमने इनको 10,000 रुपए स्क्वायर फीट से देने के नोटिस नहीं दिया है आप तो विकास शुल्क के नाम पर 1,000 रुपए पर फिट उनसे वसूल रहे हैं। प्रथम मंजिल, द्वितीय मंजिल, तीसरी मंजिल का भी पैसा इसी दर पर ले रहे हैं। यह नियम कहां का है कि आपको तीनों मंजिल का विकास शुल्क देना पड़ेगा।
श्री अग्रवाल ने कहा कि गोल बाजार में होने वाले समस्त विकास के लिए स्मार्ट सिटी से राशि खर्च किया जाना चाहिए और व्यवसायियों से ली जा रही विकास शुल्क की राशि पूर्णता माफ किया जाना चाहिए। व्यवसायियों से लेने वाली सभी प्रकार का शुल्क माफ कर उन्हें 2% शुल्क लेकर जमीन का मालिकाना हक दिया जाना चाहिए। जब आप सरकार से 1 रुपए में जमीन ले सकते हैं तो व्यवसायियों को जो 125 साल से वहां काबिज है पीढ़ियों से वहां काबिज है उन छोटे छोटे व्यापारी को 1 रुपये में जमीन क्यो नही दिया जा सकता।
आज विधानसभा में बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा के द्वारा लाये गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर सदस्यों ने नगरी प्रशासन मंत्री को जमकर घेरा। विपक्षी सदस्यों का जवाब नगरीय प्रशासन मंत्री नहीं दे पाए। वह लगातार निरुत्तर होते रहे।विधानसभा में हंगामे के बीच विपक्षी सदस्यों ने मंत्री के द्वारा जवाब नहीं दिए जाने को लेकर सदन से बहिर्गमन किया।