बिलासपुर नगर निगम की पहेली सामान्य सभा, जिसमें धक्का-मुक्की और कुर्सियों की फेंकाफेंकी का फोटो सेशन नहीं हुआ..! शाबाश…महापौर रामशरण यादव जी और सभापति शेख नजीरूद्दीन जी…तुसी ग्रेट हो
(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर (छग) – दो दिन पूर्व बिलासपुर नगर निगम की सामान्य सभा में जिस तरह विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। सवाल पूछे गए। समस्याएं सदन के समक्ष प्रस्तुत की गई। और जिस तरह सभापति के द्वारा बारी बारी से 1-1 पार्षद को अपनी बात रखने का मौका दिया जाता रहा। उसे काबिले तारीफ ही कहा जा सकता है। एक तो नगर निगम का यह जो कार्यकाल है इसमें महापौर श्री रामशरण यादव तथा सभापति श्री शेख नजीमुद्दीन तथा प्रारंभ से जिस तरह से सामान्य सभा का संचालन करते हैं उसकी जितनी तारीफ की जाए कम है।। सामान्य सभा में सदन के भीतर जिस बेहतर गुणवत्तापूर्ण तरीके से सामंजस्य के साथ महापौर और सभापति के द्वारा अपनी भूमिका का निर्वाह किया जाता है। उसे अनुकरणीय ही कहा जाएगा।
यह संभवत नगर निगम का पहला ऐसा कार्यकाल है। जिसमें सभापति श्री शेख नसीरुद्दीन और महापौर श्री राम शरण यादव दोनों का ही चयन पार्षदों के द्वारा सर्वसम्मति से किया गया है। और इन दोनों ने ही शुरू से अब तक पार्षदों की इस सर्वसम्मति की गरिमा का पूरी तरह ध्यान रखा है। 2 दिन पूर्व हुई सामान्य सभा की कार्यवाही को देखने पर बिलासपुर के किसी भी नागरिक का सीना गर्व से चौड़ा हो सकता है। इतनी मर्यादित और गरिमामय ढंग से नगर निगम की सामान्य सभा शायद ही कहीं चलती हो, जैसी 2 दिन पहले बिलासपुर में देखी गई। नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष श्री राजेश सिंह ठाकुर, वरिष्ठ पार्षद दुर्गा सोनी, सुनीता मानिकपुरी शहजादी कुरैशी लक्ष्मी यादव उदय मजूमदार समेत सभी पार्षदों ने इसी तरह अगर मैंने भी अपने अपने विचारों से नगर निगम की सामान्य सभा को समृद्ध किया। कई दशकों बाद यह पहला मौका था जब नगर निगम की सामान्य सभा में ना तो धक्का-मुक्की हुई और कुर्सियां उछाली गई। उसकी जगह गंभीरता से काम होता रहा।
बैठक पूरे साढ़े 4 घंटे चली जिसमें 45 एजेंडे पर और 19 अतिरिक्त प्रस्ताव पर विचार हुआ। नगर निगम की सामान्य सभा गरिमामय ढंग से संपन्न होने को लेकर सभापति श्री शेख नजीमुद्दीन और महापौर श्री रामशरण यादव का बहुत-बहुत साधुवाद। काश हमारे देश की लोकसभा और विभिन्न प्रदेशों की विधानसभाओं का प्रतिनिधिमंडल आकर हमारी ऐसी गरिमा में आम सभा को देखता तो शायद उन्हें भी सभा संचालन की दिशा में कोई सद्बुद्धि मिल जाती।