Uncategorized

इमरान खान पीएम रहते तो मिट जाता पाकिस्तान का नामोनिशान  इसने किया सनसनीखेज दावा

(शशि कोन्हेर) : पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने पूर्व पीएम इमरान खान पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। बाजवा ने कहा है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार देश के लिए खतरा थी। पाकिस्तान टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने दावा किया कि अगर पीटीआई नेता इमरान खान प्रधानमंत्री बने रहते, तो कोई पाकिस्तान नहीं होता। उन्होंने कहा कि देश विनाश हो जाता।

सरकार से संबंध रखने वाले पत्रकार जावेद चौधरी के साथ एक बात करते हुए, बाजवा ने आरोप लगाया कि कैबिनेट की बैठक के दौरान इमरान खान ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का नाम लेते हुए एक अश्लील पंजाबी शब्द का इस्तेमाल किया था। बाजवा ने कहा कि इमरान सरकार के ही एक मंत्री ने ये बात इस्लामाबाद में सऊदी राजदूत को बताई थी। हालांकि, पूर्व सेना प्रमुख ने मंत्री की पहचान उजागर नहीं की। पत्रकार के साथ बाजवा की यह इस महीने में दूसरी मुलाकात थी। 

पत्रकार ने अपने कॉलम में लिखा कि उन्होंने जब बाजवा से पूछा कि क्या उन्होंने इमरान खान को पिछले साल अप्रैल में सत्ता से हटाए जाने के बाद नेशनल असेंबली से इस्तीफा देने से रोका था? इस पर बाजवा ने हां में जवाब दिया था। चौधरी के मुताबिक, बाजवा ने इमरान खान से कहा था, ”प्रधानमंत्री जी! आप केवल एक मैच हारे हैं, सीरीज अभी बाकी है जिसमें आपको मुकाबला करना है।’

बाजवा के अनुसार, उन्होंने इमरान खान को बताया कि संसद में पीटीआई पार्टी और पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के बीच केवल दो वोटों का मामूली अंतर था। उन्होंने बांग्लादेश में खालिदा जिया के उदाहरण का हवाला देते हुए इमरान खान को नेशनल असेंबली से इस्तीफा नहीं देने की सलाह दी। खालिदा जिया को भी इसी तरह का कदम उठाने के बाद काफी नुकसान हुआ था। सेवानिवृत्त जनरल ने संसद में रहने के महत्व और भविष्य में फिर से सरकार बनाने की संभावना पर जोर दिया। यह संदेश मिलने के बावजूद खान ने कोई जवाब नहीं दिया और बातचीत खत्म हो गई।

इमरान खान की सरकार के पतन के कारणों के बारे में पूछे जाने पर, बाजवा ने किसी भी संलिप्तता से इनकार किया और दावा किया कि उनका एकमात्र दोष सरकार को बचाना नहीं था। उन्होंने कहा कि इमरान खान खुद चाहते थे कि बाजवा हस्तक्षेप करें। हालांकि, इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं दिया गया।

पत्रकार ने बाजवा से सवाल किया कि उन्होंने पीटीआई सरकार को क्यों नहीं बचाया, जबकि उन्होंने अतीत में ऐसा किया था। बाजवा ने जवाब दिया कि अगर उन्होंने अपने हित में काम किया होता, तो वे इमरान खान का समर्थन करते और सम्मान के साथ सेवानिवृत्त होते। इसके बजाय, उन्होंने कहा कि उन्होंने देश की भलाई के लिए अपनी प्रतिष्ठा का त्याग करना चुना।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button