पान मसाला और गुटखा कंपनियों को मिली सरकार से राहत, बढ़ाई गई रिटर्न फाइलिंग समयसीमा..
भारत सरकार ने जीएसटी चोरी पर रोकथाम के लिए पान मसाला कंपनियों के लिए स्पेशल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू करने का एलान किया था। इसके अलावा सरकार ने कंपनियों को हर महीने जीएसटी रिटर्न फाइल करने का भी आदेश दिया था। सरकार ने पान मसाला और गुटखा निर्मताओं के लिए रिटर्न फाइलिंग की समयसीमा को बढ़ा दिया है।
अब कंपनी 15 मई 2024 तक इस काम को निपटा सकते हैं। इससे पहले जनवरी में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने 1 अप्रैल 2023 से इस प्रक्रिया को शुरू करने की घोषणा की थी।
कई बिजनेस में पंजीकरण, रिकॉर्ड-कीपिंग और मासिक फाइलिंग में बदलाव देखने को मिलते हैं। ऐसे में उद्देश्य पान मसाला और तंबाकू उत्पादों के निर्माता कंपनी जीएसटी अनुपालन करें, इस उद्देश्य से सरकार ने स्पेशल रजिस्ट्रेशन की घोषणा की थी।
वित्त विधेयक 2024 के माध्यम से जीएसटी कानून में भी संशोधन किया गया। इसमें कहा गया कि अगर पान मसाला, गुटका और इसी तरह के तंबाकू उत्पादों के निर्माता कंपनी पैकिंग मशीनरी को जीएसटी अधिकारियों के साथ रजिस्टर नहीं करवाते हैं तो उन्हें 1 लाख रुपये का जुर्माना देना होगा। यह कानून 1 अप्रैल 2024 से लागू होगा। हालाँकि, इस दंड प्रावधान को अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया है।
स्पेशल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पान-मसाला, ब्रांड नाम के साथ या उसके बिना, ‘हुक्का’ या ‘गुडाकू’ तंबाकू, पाइप और सिगरेट के लिए धूम्रपान मिश्रण, चबाने वाले तंबाकू (चूने की ट्यूब के बिना),फिल्टर खैनी, जर्दा सुगंधित तम्बाकू, नसवार और ब्रांडेड या गैर-ब्रांडेड ‘गुटखा’ आदि के निर्माताओं के लिए लागू होनी थी।
सीबीआईसी ने एक अधिसूचना के माध्यम से इस विशेष प्रक्रिया के कार्यान्वयन की तारीख 45 दिन बढ़ाकर 15 मई तक कर दी है।
ऐसे तंबाकू उत्पादों के निर्माताओं को अधिसूचना लागू होने के 30 दिनों के भीतर यानी 1 अप्रैल, 2024 को इलेक्ट्रॉनिक रूप से फॉर्म GST SRM-I में पैकेज भरने और पैकिंग के लिए उपयोग की जाने वाली पैकिंग मशीनों का विवरण प्रस्तुत करना आवश्यक था।
इसके अलावा रिटर्न फाइलिंग GST SRM-II का एक विशेष विवरण अगले महीने की 10 तारीख तक दाखिल किया जाना था। मूर सिंघी के कार्यकारी निदेशक रजत मोहन ने कहा कि
जीएसटी नेटवर्क ने नई प्रक्रिया पर कोई सलाह नहीं जारी की है और न ही नई फाइलिंग उपयोगिताएं जारी की हैं। परिणामस्वरूप, सरकार ने नई प्रक्रिया के कार्यान्वयन को 45 दिनों के लिए 15 मई तक स्थगित करने का निर्णय लिया है।
इसके आगे वह कहते हैं कि जीएसटी पारिस्थितिकी तंत्र की इस देरी ने उद्योग के लिए नई योजना को मध्य वर्ष में लागू करने में चुनौतियों का सामना किया है। किसी भी नई योजना को नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत में लागू किया जाना चाहिए ताकि आसानी से बदलाव और बेहतर अनुपालन हो सके।
पिछले साल फरवरी में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता और राज्यों के समकक्षों वाली जीएसटी परिषद ने पान मसाला और गुटखा व्यवसायों में कर चोरी रोकने पर राज्य के वित्त मंत्रियों के एक पैनल की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी थी।
जीओएम (GOM) ने सिफारिश की थी कि राजस्व के पहले चरण के संग्रह को बढ़ावा देने के लिए पान मसाला और चबाने वाले तंबाकू पर मुआवजा उपकर लगाने की व्यवस्था को यथामूल्य से एक विशिष्ट दर-आधारित लेवी में बदल दिया जाए।