बिलासपुर

पालक सावधान..! सेंट जेवियर्स स्कूल में एडमिशन कराने से पहले देख लें एफिलेशन, डीईओ ने बिठाई जांच कमेटी

बिलासपुर – अपने बच्चों के सुनहरे भविष्य और अच्छी तालीम दिलाने के लिए सेंट जेवियर्स स्कूल में एडमिशन दिलाने वाले पालक सावधान हो जाएं, क्योंकि जिले में सेंट लोकस्वार जेवियर्स के तीन स्कूल सीबीएसई बोर्ड से मान्यता लिए बगैर संचालित किए जा रहे हैं। ये तीन सिर्फ स्टडी सेंटर हैं। मामले की शिकायत मिलने पर डीईओ टीआर साहू ने जांच कमेटी गठित करने का आदेश खंड लिपिक को दिया हैं। उन्होंने उन्हें जांच के बिंदु भी तय करने का जिम्मा सौंपा है।

‘लोकस्वर’ ने अपने 21 मई के अंक में सेंट जेवियर्स स्कूल प्रबंधन द्वारा जिले में बिना मान्यता के चलाए जा रहे स्कूल का भंडाफोड़ किया था। इसमें बताया गया था कि सीबीएसई बोर्ड ने बिलासपुर जिले में सेंट जेवियर्स हायर सेकेंडरी स्कूल भरनी और व्यापार विहार को ही मान्यता दी है। इसके अलावा जिले के किसी भी अन्य स्थान पर स्कूल संचालन की अनुमति नहीं है। इसके बावजूद जबड़ापारा सरकंडा, उसलापुर व कोटा में सेंट जेवियर्स स्कूल की ब्रांच खोल दी गई है, जहां नर्सरी से 10वीं-12वीं तक खुलेआम एडमिशन लिया जा रहा है। पालकों से मोटी फीस भी वसूली जा रही है। कॉपी-किताब, ड्रेस, जूता-मोजा भी फिक्स दुकानों से खरीदवाई जा रही है, जिससे । स्कूल प्रबंधन को अलग से कमीशन मिलता है।

यह खबर प्रकाशित होने के बाद सेंट जेवियर्स प्रबंधन और स्कूल शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। सेंट जेवियर्स प्रबंधन अपनी गलती छिपाने के लिए लाख प्रयास कर रहा है। दावा यह भी किया जा रहा है कि उनके पास मान्यता संबंधी सर्टिफिकेट है, लेकिन यह सर्टिफिकेट दिखाने से इनकार कर रहा है। बच्चों के भविष्य से संबंधित खबर को शिक्षा विभाग ने भी गंभीरता से लिया है।

डीईओ टीआर साहू का कहना है कि इस मामले में शिकायत मिली है, जिस पर नोटशीट चलाई जा रही है। खंड लिपिक के अवकाश पर रहने के कारण कुछ दिनों तक यह मामला पेंडिंग में था। उन्हें जांच टीम गठित कर फाइल पुटअप करने के निर्देश दिए गए हैं।

ये हैं शिकायत के बिंदु :

1- सेंट जेवियर्स स्कूल जबड़ापारा सरकंडा व उसलापुर सीबीएसईद्य से बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं।

2- स्कूल प्रबंधन द्वारा सत्र 2020-21, 21-22, 22-23 और 23-24 में अध्ययनरत छात्रों से अवैधानिक तरीकों से हर वर्ष पंजीयन शुल्क लिया गया।

3- मनमाने ढंग से पुनः प्रवेश शुल्क, मेंटेनेंस शुल्क वसूला जा रहा है।

4- सत्र 2020-21, 21-22, 22-23 एवं 23-24 में अध्ययनतरत स्टूडेंट्स से लिए जाने वाले शुल्क से संबंधित स्कूल फीस पंजी, आय-व्यय पंजी, केशबुक, लेजर, शुल्क संधारित पंजी सहित समस्त दस्तावेज में भारी अनियमितता है।

5- स्टूडेंट्स से जो फीस ली जाती है, उस हिसाब से आय-व्यय का ब्योरा तक नहीं दिखाया जाता है।

रायपुर में कार्रवाई, अब बिलासपुर की बारी : चैतन्य टेक्नो ग्रुप की दो ब्रांच अमलीडीह और सरोना रायपुर में संचालित थीं। दोनों ब्रांच को अभी तक मान्यता नहीं मिली है। जांच में पुष्टि होने पर चैतन्य टेक्नो स्कूल की अमलीडीह ब्रांच को सील कर दिया गया। इससे पहले भी मान्यता के बिना छात्रों को एडमिशन देने के कारण स्कूल की दो ब्रांच पर 1-1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया जा चुका है। रायपुर में कार्रवाई होने के बाद अब कहा जा रहा है कि बिलासपुर में बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों पर जल्द ही कार्रवाई होगी।

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