बिलासपुर

माता पिता बच्चों पर अपनी अपेक्षाओं का बोझ न डालें – कलेक्टर…..ऑनलाइन दक्षता विकास प्रशिक्षण के तहत फेसबुक लाइव के जरिए किया छात्रों और पालकों संवाद

बिलासपुर/29/अप्रैल/2024/बोर्ड परीक्षाओं के परीक्षा परिणाम के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा अभिनव पहल की गई है जिसमे छात्रों को तनाव मुक्त करने और परिणामों से मानसिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव से बचाने ऑनलाइन सेशन के जरिए उ प्रेरित किया जा रहा है। कलेक्टर अवनीश शरण आज सत्र के पहले दिन छात्रों और पालकों से फेसबुक लाइव के जरिए जुड़े और तनाव प्रबंधन,परीक्षा परिणामों को लेकर उपयोगी टिप्स दिए। कलेक्टर ने पालकों और छात्रों के प्रश्नों के जवाब भी दिए।


कलेक्टर अवनीश शरण ने फेसबुक लाइव पर छात्रों से कहा कि वे परिणामों को लेकर तनाव ग्रस्त न रहें और परिणाम जो भी अपना संबल और आत्मविश्वास बनाए रखें ,कोई भी परीक्षा परिणाम जीवन से बड़ा नही है।श्री शरण ने अपने दसवीं में आए रिजल्ट का जिक्र करते हुए कहा कि तृतीय श्रेणी में आने के बावजूद वे निराश नहीं हुए और आगे प्रयास जारी रखा, जिसके फलस्वरूप आज वे आईएएस हैं,कलेक्टर ने कहा कि आपके शिक्षक और माता पिता ही आपके लिए प्रेरक हैं जिनसे आप बहुत कुछ सीख सकते हैं उनके जीवन के संघर्ष से प्रेरणा लें। उन्होंने पेरेंटिंग के टिप्स देते हुए कहा कि कभी भी अपने बच्चों की तुलना किसी और से न करें,उन्हे बिना किसी दबाव के प्रेरित करते रहें और अपनी अपेक्षाओं का बोझ उनपर न डालें यह घातक हो सकते है। उन्होंने कहा कि परिणामों को लेकर तनाव से बचने अपने मनपसंद काम के लिए समय निकालें,अपने करीबियों से बातचीत करें,अच्छी फिल्में देखकर भी प्रेरणा ली जा सकती हैं।


कलेक्टर ने बच्चों का मनोबल बढ़ाने शिक्षा विभाग को सत्र के दौरान स्कूलों में समर कैंप आयोजित करने के निर्देश भी दिए।कलेक्टर ने सत्र के दौरान सोशल मीडिया के बेहतर उपयोग की अपील करते हुए उसके दुष्परिणामों से भी आगाह किया।


ऑनलाइन सत्र में जुड़े अभिभावकों ,शिक्षकों और छात्रों ने श्री शरण से कई सवाल किए जिनके जवाब उन्होंने दिए,ऑनलाइन सत्र के पहले दिन आज लगभग 500 से अधिक लोग फेसबुक लाइव के जरिए जुड़े और कलेक्टर अवनीश शरण के प्रेरक संबोधन को सुना।
उल्लेखनीय है कि प्रशासन द्वारा छात्रों को परीक्षा परिणामों के तनाव और उनका मनोबल बढ़ाने ऑनलाइन सत्र की शुरुआत की गई है जिसमे जिले की प्रमुख हस्तियां छात्रों और पालकों से संवाद करेंगे और उनकी शंकाओं का समाधान करेंगे।

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