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त्रिपुरा में चुनाव बाद हुई हिंसा की जांच करने पहुंची संसदीय टीम पर हमला, किस पर लग रहे आरोप..?

(शशि कोन्हेर) : भाजपा शासित त्रिपुरा में चुनाव के बाद हुई राजनीतिक हिंसा की जांच करने और प्रभावित लोगों से बात करने शुक्रवार को आई संसदीय टीम पर हमला किया गया. टीम दो दिवसीय दौरे पर है. सीपीआई (एम) त्रिपुरा के राज्य सचिव और पूर्व मंत्री जितेंद्र चौधरी ने कहा कि कल शाम बीसलगढ़ के नेहलचंद्र नगर बाजार में हुए “जघन्य हमले” के कारण संसदीय दल को आज निर्धारित अपने शेष बाहरी कार्यक्रमों को स्थगित करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
कांग्रेस और माकपा के सूत्रों ने कहा कि जब संसदीय दल के सदस्य सिपाहीजला जिले के हिंसा प्रभावित बिशालगढ़ गए तो सत्ताधारी भाजपा समर्थित कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया और तीन वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया. माकपा ने एक बयान में कहा, “सांसद और उनके साथ गए कांग्रेस और माकपा नेता तुरंत वहां से चले गए और बड़े हमले से बच गए.” भाजपा कार्यकर्ताओं ने पश्चिमी त्रिपुरा के मोहनपुर में संसदीय दल के दौरे में भी बाधा डाली. पुलिस के एक बयान में कहा कि स्थानीय विधायकों और नेताओं के साथ सांसदों को विशालगढ़ के नेहल चंद्र नगर में एक अनिर्धारित दौरे के दौरान नारेबाजी का सामना करना पड़ा.

पुलिस बयान में कहा गया, “साथ में गई पुलिस एस्कॉर्ट टीम ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और प्रतिनिधिमंडल को सुरक्षित बचा लिया. वरिष्ठ अधिकारी मौके पर थे. किसी भी व्यक्ति के घायल होने की सूचना नहीं है. 2-3 वाहनों को नुकसान की सूचना दी गई है. एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है. छापेमारी जारी है.


कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने घटना की निंदा की. रमेश ने ट्वीट किया, “कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल पर आज त्रिपुरा के बिशालगढ़ और मोहनपुर में भाजपा के गुंडों ने हमला किया. प्रतिनिधिमंडल के साथ गई पुलिस ने कुछ नहीं किया और कल भाजपा वहां एक विजय रैली कर रही है. पार्टी प्रायोजित हिंसा की जीत.” कांग्रेस और माकपा नेताओं ने कहा कि संसदीय दल (जिसमें चार लोकसभा सांसद और तीन राज्यसभा सांसद शामिल हैं) को तीन समूहों में विभाजित किया गया है. वे तीन जिलों – पश्चिम त्रिपुरा, सिपाहीजाला और गोमती में हिंसा प्रभावित गांवों और शहरी क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं.

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