बिलासपुर

जैन श्वेतांबर तेरापंथी का वैशाली नगर एवं स्थानकवासी जैन का जैन भवन टिकरापारा में पर्वधिराज पर्युषण महापर्व 12 से 19 सितंबर तक होंगे

(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर । आत्माराधना का महान् पर्युषण पर्व दिनांक 12 सितंबर से आरंभ होने वाला है । जैन धर्म के बारे में विस्तार से प्रवचन देने के लिए जैन भवन टिकरापारा में दो बहने स्मिता बेन सुरेंद्रनगर से और लीना बेन वलसाड से आ रहे हैं। इस अवसर पर आत्मा शुद्धि की प्रेरणा देने हेतु वैशाली नगर में जैन श्वेतांबर तेरापंथी आचार्य श्री महाश्रमण जी की असीम कृपा से पर्युषण पर्व की आराधना विधिवत करवाने हेतु उपासक दिनेश कोठारी दुबई से एवं जयंतीलाल बरलोटा मुम्बई से पधार रहे है।

जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष सुरेंद्र मालू एवं सचिव चंद्र प्रकाश बोथरा ने बताया कि पर्युषण कार्यक्रम प्रातः 05:30 से प्रार्थना, 09:00 से प्रवचन मध्यान्ह 14:00 से तत्त्वज्ञान, धर्म परिचर्चा, जिज्ञासा समाधान, सायं 18:15 से गुरु वंदन और सायंकालीन प्रतिक्रमण एवं रात्रि 08:30 से प्रवचन होंगे। पर्युषण पर्व के 9 दिवस को निम्नलिखित दिवस के रूप में मनाया जयेगा 12 को खादय संयम दिवस, 13 स्वाध्याय दिवस, 14 सामयिक दिवस, 15 वाणी संयम दिवस, 16 अणुव्रत चेतना दिवस, 17 जाप दिवस, 18 ध्यान दिवस, 19 सितंबर को संवत्सरी महापर्व, 20 क्षमापना दिवस के रूप मे मनाया जाएगा। , सभी कार्यक्रम वैशाली नगर, मौसा जी के बगल वाली गली में निवासरत हुलास चंद गोलछा के निवास में संपन्न होगा ।

श्री दशा श्रीमाली स्थानकवासी जैन संघ के अध्यक्ष भगवान दास सुतारिया एवं सचिव गोपाल वेलाणी ने बताया कि जैन भवन टिकरापारा मैं जैन महापर्व पर्युषण पर्व 8 दिन तक मनाया जाएगा। जिसमें जैन धर्म के बारे में विस्तार से प्रवचन देने के लिए दो बहने स्मिता बेन सुरेंद्रनगर से और लीना बेन वलसाड से आ रहे हैं।
12 तारीख से रोज सुबह 6:30 बजे प्रार्थना की जाएगी उसके बाद 9:00 बजे से 10:00 बजे तक बहनों के द्वारा व्याख्यान दिया जाएगा दोपहर में समाज के बच्चों का शिविर रखा गया है जिसमें जैन धर्म की प्रभावना की जाएगी ऐसे बच्चों को जैन धर्म के बारे में शिक्षा एवं ज्ञान दिया जाएगा। शाम को 6 बजे से समाज के लोगों द्वारा प्रतिक्रमण किया जाएगा।


इस तरह पूरा दिन भगवान महावीर की भक्ति और उनके द्वारा दिए गए उपदेशों का अवलोकन किया जाएगा एवं उनके उपदेशों को जीवन में ग्रहण किया जाएगा।
इस पर्व का समापन 19 तारीख को किया जाएगा जिसमें समाज के सभी व्यक्तियों के द्वारा आपस में एक दूसरे को क्षमा याचना करके क्षमा मांगी जाएगी। कि हमारे द्वारा मन वचन काया से यदि आपको कोई ठेस पहुंची हो तो हमें क्षमा कर दीजिएगा ऐसी मन में धरना एवं भाव रखकर एक दूसरे से क्षमा याचना करते हैं एवं मिच्छमी दुक्कड़म कहते हैं जैन समाज के द्वारा यह पर्व 8 दिनों तक बड़े ही उत्साह एवं सहर्ष के साथ धूमधाम से मनाया जाएगा । समाज के अध्यक्ष श्री सुतारिया ने समाज के सभी सदस्यों से निवेदन किया है कि इस कार्यक्रम में सभी बढ़-चढ़के शामिल होंवे। और तप त्याग के इस महापर्व को मनाएं।

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