बिलासपुर

यात्रियों के स्वास्थ्य के साथ हो रहा खिलवाड़….गंदगी से भरा पड़ा था पेंट्रीकार, खुले में रखा था खाना

(भूपेंद्र सिंह राठौर) : बिलासपुर – ऋषिकेश नगरी – पुरी उत्कल एक्सप्रेस की पेंट्रीकार का भोजन खाकर यात्री बीमार हो सकते हैं। पेंट्रीकार के अंदर गंदगी पसरी थी। इसके अलावा जिस बर्तन में खाना व अन्य सामान रखे थे, वह खुले थे। कर्मचारियों ने इतनी भी आवश्यकता नहीं समझी इसे ढककर रखना चाहिए। इतनी अव्यवस्था होने के बाद भी पेंट्रीकार की जांच नहीं होती।

ट्रेनों की पेंट्रीकार की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं आ रहा है। सबसे ज्यादा गंदगी उत्कल एक्सप्रेस की पेंट्रीकार में मिली। अंदर समोसा बनाने का मसाला और कढ़ाई में सब्जी खुले में पड़ी थी। उस पर मक्खियां भिनक रहीं थी। अंदर में गंदगी भी अधिक थी। इसी तरह पेंट्रीकार के ड्रम में हाइड्रेन पाइप लाइन से पानी भरा जा रहा था। आईआरसीटीसी के अफसर इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। ट्रेनों की पेंट्रीकार में भोजन पकना अब लगभग समाप्त होता जा रहा है। लेकिन पेंट्रीकार बंद नहीं की जा रही हैं।

चाय व ताजा नाश्ता पेंट्रीकार में ही तैयार हो रहा है। साथ ही भोजन गरम करने की व्यवस्था रखी जा रही है। भोजन सीधे बेस किचन से लेना पड़ रहा है। ऐसी व्यवस्था रेलवे ने इसलिए कि ताकि साफ-सफाई का ध्यान रखा जा सके। लेकिन पेंट्रीकार संचालक गंदगी फैलाने में कोई कमी नहीं कर रहे हैं।

योगनगरी से पूरी जा रही उत्कल एक्सप्रेस दोपहर 1.30 बजे प्लेटफार्म नंबर 4 पर पहुंची। पेंट्रीकार के अंदर समोसा बनाने के लिए जो मसाला तैयार किया गया था उसका कुछ हिस्सा थाल पर खुला पड़ा था उस पर मक्खियां भिनक रही थीं। वही खुले में सब्जी, अंडा समेत अन्य खाद्य सामग्री रखे हुए थे। इससे यात्रियों का सेहत खराब हो सकती है। मगर पेंट्रीकार संचालक इससे कोई लेना देना नही। ट्रेनों की पेंट्रीकार में अफसरों की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही थी लेकिन पिछले कुछ से अफसरों ढीले पड़े तो लापरवाही फिर से शुरू हो गई है। जबकि आईआरसीटीसी ने हर ट्रेन में अपना एक सुपरवाइजर रखने की व्यवस्था की है। रविवार को पेंट्रीकार में मैनेजर के अलावा कोई सुपरवाइजर नजर नहीं आया।

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