रद्द ट्रेनों से बढ़ी यात्रियों की मुश्किलें, पैसेंजर ट्रेन में हालात बेहद चिंताजनक….
(भूपेंद्र सिंह राठौर के साथ सतीश साहू) : बिलासपुर – रद्द ट्रेनों के कारण यात्रियों की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। बुधवार को गोंदिया-झारसुगुड़ा पैसेंजर ट्रेन में हालात बेहद चिंताजनक थे। कोचों में जितने यात्री बैठे थे, उससे दोगुने खड़े थे। किराया देकर भी उन्हें बिना सीट के सफर करना पड़ा।
नवरात्र के दौरान मंदिरों में दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है। रेलवे द्वारा अधिकतर ट्रेनों को रद्द कर देने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ट्रेन के हर कोच में इतनी भीड़ थी कि यात्रियों को दरवाजों पर और सीढ़ियों पर बैठकर सफर करना पड़ा। यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कोई इंतजाम नहीं थे, और भीड़ इतनी ज्यादा थी कि कई यात्री खतरनाक तरीके से लटककर सफर कर रहे थे।
बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर हालात इतने खराब हो गए कि यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने के लिए जान जोखिम में डालनी पड़ी। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को खड़े होकर सफर करने के लिए मजबूर होना पड़ा। भीड़ के कारण ट्रेन में धक्का-मुक्की और विवाद भी हो गया।यात्रियों का कहना है कि त्योहार के समय रेलवे को स्पेशल ट्रेन और अतिरिक्त फेरे चलाने चाहिए। वहीं रेलवे का दावा है कि वे अतिरिक्त कोच और सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं, फिर भी यात्रियों को खतरनाक परिस्थितियों में सफर करना पड़ा।
महिला बोगी में बुधवार को स्थिति और बिगड़ गई जब कुछ महिलाओं ने इसका विरोध किया। इसके बाद आरपीएफ जवानों को महिला बोगी में हस्तक्षेप करना पड़ा। हालात इतने खराब हो गए कि आरपीएफ जवानों को मौके पर आकर महिला बोगियों से पुरुषों की भीड़ हटानी पड़ी। ट्रेन छूटने तक जवान स्टेशन पर तैनात रहे। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि पर्व को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त कोच और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
भारी भीड़ के चलते यात्रियों को दरवाजों से लटककर यात्रा करने पर मजबूर होना पड़ा। यात्रियों ने आरोप लगाया कि रेलवे को नवरात्र के दौरान विशेष ट्रेनें और लोकल ट्रेनों के फेरे बढ़ाने चाहिए थे।