विदेश

श्रीलंका की बदहाली के लिए वहां की जनता और विशेषज्ञ चीन को दोषी ठहरा रहे…भारत की तारीफ…!

(शशि कोन्हेर) : श्रीलंका की बदहाली के लिए वहां की जनता और जानकार भी चीन को दोषी ठहरा रहे हैं। श्रीलंका के भू-राजनीतिक विश्‍लेषक असंगा अबेयागोनेस्‍करा का कहना है कि कोई नहीं जानता है कि चीन ने श्रीलंका को किस ब्‍याज दर पर पैसा उधार दिया है। श्रीलंका के मौजूदा संकट पर चर्चा के दौरान उन्‍होंने साउथ एशियन वायस के डिप्‍टी एडिटर सुनेना डानजिगर और एसोसिएट एडिटर इशा गुप्‍ता से कहा कि देश की बदहाली के लिए केवल चीन ही एकमात्र दोषी नहीं है। लेकिन, ये उन कारणों में से एक है जिस पर चिंता करना जरूरी है।

किस ब्‍याज दर पर मिला ऋण, ये कोई नहीं जानता

असंगा के मुताबिक चीन ने श्रीलंका को ऋण भुगतान के समाधान के लिए एक बिलियन डालर का कर्ज दिया है। उनके मुताबिक उन्‍होंने पहली बार इस तरह के माडल के बारे में सुना है कि जब अपने ही ऋण भुगतान के समाधान के लिए दोबारा कर्ज दिया गया है। लेकिन, ये किस दर पर दिया गया है इस बारे में कोई नहीं जानता है।

चीन से संबंध बनाने के चक्‍कर में उलझ गया श्रीलंका

उन्‍होंने चीन के कर्ज के जाल को हाइलाइट करते हुए कहा कि श्रीलंका चीन के साथ करीबी संबंध बनाए रखने के चक्‍कर में इसमें उलझ गया है। उनकी निगाह में इसके तीन रणनीति कारण हैं। इनमें से पहला है राजपक्षे की राजनीतिक पार्टी श्रीलंका पोडजुना पेरामुना पार्टी को मिला चीन का समर्थन। चीन ने इस माडल पर आगे बढ़ने के केलिए उनको अपना पूरा समर्थन दिया।

मानवाधिकार काउंसिल में समर्थन की कीमत

विश्‍लेषकों की निगाह में एक और मुद्दा मानवाधिकार से जुड़ा है। श्रीलंका इसका एक जीता जागता उदाहरण है। चीन मानवाधिकार काउंसिल में श्रीलंका का समर्थन किया था जब उसको वार क्राइम की संज्ञा दी गई थी। इसी तरह से चीन को श्रीलंका ने इस मुद्दे पर अपना समर्थन

दिया था।

देश की जनता विदेश नीति के खिलाफ

गौरतलब है कि मौजूदा समय श्रीलंका की स्थिति काफी खराब है। लोग बेहद मुश्किल हालात में जीवन यापन कर रहे हैं। इस लोग श्रीलंका की पूर्व की विदेश नीति के बेहद खिलाफ हैं। असंगा ने कहा कि देश के मौजूदा हालातों के पीछे काफी कुछ इन सभी का हाथ है।

मुश्किल घड़ी में भारत का मिला साथ

असंगा ने कहा कि भारत पहला ऐसा देश था जिसने इस मुश्किल घड़ी में श्रीलंका का सहयोग किया और वित्‍तीय मदद के तौर पर ढाई बिलियन डालर की राशि दी। आपको बता दें कि श्रीलंका मौजूदा हालातों चलते हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच औरश्रीलंका के राष्‍ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने सोमवार को कैबिनेट के 17 सदस्‍यों को नियुक्‍त किया है

दिया था।

देश की जनता विदेश नीति के खिलाफ

गौरतलब है कि मौजूदा समय श्रीलंका की स्थिति काफी खराब है। लोग बेहद मुश्किल हालात में जीवन यापन कर रहे हैं। इस लोग श्रीलंका की पूर्व की विदेश नीति के बेहद खिलाफ हैं। असंगा ने कहा कि देश के मौजूदा हालातों के पीछे काफी कुछ इन सभी का हाथ है।

मुश्किल घड़ी में भारत का मिला साथ

असंगा ने कहा कि भारत पहला ऐसा देश था जिसने इस मुश्किल घड़ी में श्रीलंका का सहयोग किया और वित्‍तीय मदद के तौर पर ढाई बिलियन डालर की राशि दी। आपको बता दें कि श्रीलंका मौजूदा हालातों चलते हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच औरश्रीलंका के राष्‍ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने सोमवार को कैबिनेट के 17 सदस्‍यों को नियुक्‍त किया है

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button