पीएम मोदी ने बुलाई कैबिनेट मीटिंग….27 साल से अटके महिला आरक्षण बिल पर बड़ी तैयारी….कांग्रेस भी हरकत में
(शशि कोन्हेर) : पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज शाम को केंद्र सरकार की कैबिनेट मीटिंग है। इस मीटिंग में संसद के विशेष सत्र के दौरान पेश किए जाने वाले कुछ बिलों को मंजूरी दी जा सकती है। इस बीच कयास तेज हैं कि सरकार की सूची में महिला आरक्षण विधेयक भी शामिल हो सकता है। इस पर अब तक सरकार की ओर से कुछ कहा नहीं गया है, लेकिन कयास तेज हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी एक बार फिर से चौंकाने वाला फैसला ले सकते हैं। माना जा रहा है कि 27 सालों से अटके महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दिलाकर ही मोदी सरकार चुनाव में उतरना चाहेगी। इसके जरिए उसके लिए आधी आबादी को प्रतिनिधित्व देने का कार्ड चलना आसान हो जाएगा।
कांग्रेस ने जिस तरह से अपनी वर्किंग कमेटी की मीटिंग में सरकार से महिला आरक्षण विधेयक लाने की मांग रख दी है, उससे भी यह चर्चा जोरों पर है। राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि सरकार पहले से महिला आरक्षण बिल की तैयारी में है और उसकी भनक लगने पर ही कांग्रेस ने यह मांग उठाई है। ऐसा इसलिए ताकि बिल पास होने पर पूरा क्रेडिट अकेले भाजपा सरकार को ही न मिल जाए। लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं को 33 फीसदी के आरक्षण की मांग लंबे समय से उठती रही है, लेकिन पास नहीं हो सका। यूपीए सरकार के दौर में भी यह बिल राज्यसभा से तो पास हुआ था, लेकिन लोकसभा में अटक गया था।
महिला आरक्षण विधेयक में लोकसभा एवं विधानसभा में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का प्रस्ताव रखा जा सकता है। हालांकि समाजवादी पार्टी जैसे कुछ दलों की मांग रही है कि महिला आरक्षण में सब-कोटा भी होना चाहिए। इसका मतलब यह हुआ कि महिला कोटे में ओबीसी, एससी, एसटी समाज के लिए अलग से आरक्षण होना चाहिए। इसी मुद्दे पर यूपीए सरकार में भी यह बिल अटक गया था। बता दें कि महिला आरक्षण का भाजपा और कांग्रेस दोनों ही समर्थन करने का दावा करते रहे हैं, लेकिन पारित नहीं करा सके। माना जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी इस बिल को पारित कराकर चुनाव में नए मास्टरस्ट्रोक के साथ ही उतरना चाहते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तो संसद में ही कहा कि इस पर अब आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण बिल के लिए हम सभी ने प्रयास किया है। अध्यक्ष की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि यदि आप कहेंगे तो फिर वे आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा दोनों को मिलाकर महिलाओं का प्रतिनिधित्व 14 फीसदी ही है, जबकि विधानसभा में 10 पर्सेंट है। उन्होंने कहा कि 1952 में तो लोकसभा में 5 फीसदी ही महिला सांसद थीं। उन्होंने कहा कि अमेरिका में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 28 फीसदी तक चला गया है, जबकि ब्रिटेन में यह आंकड़ा अब 33 पर्सेंट है। कांग्रेस के अलावा जेडीयू नेता रामनाथ ठाकुर ने भी महिला आरक्षण की मांग की।