छत्तीसगढ़

मन की बात’ में बोले PM मोदी- दुनिया में पेरिस ओलंपिक की चर्चा..

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज
(28 जुलाई) अपने मासिक रेडियो शो ‘मन की बात’ के 112वें एपिसोड को संबोधित किया. लोकसभा चुनाव के बाद यह उनका दूसरा और केंद्रीय बजट 2024-25 पेश होने के बाद पहला संबोधन था. उन्होंने कहा कि इस समय पूरी दुनिया में पेरिस ओलंपिक छाया हुआ है. ओलंपिक हमारे खिलाड़ियों को विश्व पटल पर तिरंगा लहराने का मौका देता है, देश के लिए कुछ कर गुजरने का मौका देता है. आप भी अपने खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाइएं, चीयर फॉर भारत.

पीएम मोदी ने मैथ्य ओलंपियाड के विजेता भारतीय छात्रों से बात की.  उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले मैथ्स की दुनिया में भी एक ओलंपिक हुआ है. इंटरनेशनल मैथमेटिक्स ओलंपियाड. इस ओलंपियाड में भारत के छात्रों ने बहुत शानदार प्रदर्शन किया है. इसमें हमारी टीम ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए चार स्वर्ण पदक और एक रजत पदक जीता.

उन्होंने कहा, ‘इंटरनेशनल मैथ्स ओलंपियाड में 100 से अधिक देशों के युवा प्रतिभागी भाग लेते हैं, और हमारी टीम ने शीर्ष पांच देशों में सफलतापूर्वक स्थान प्राप्त किया है. देश का नाम रोशन करने वाले इन छात्रों के नाम हैं- पुणे के आदित्य वेंकट गणेश, पुणे के सिद्धार्थ चोपड़ा, दिल्ली के अर्जुन गुप्ता, ग्रेटर नोएडा के कनव तलवार, मुंबई के रुशिल माथुर और गुवाहाटी के आनंद भादुड़ी.’

प्रधानमंत्री ने असम के चराईदेउ मैदाम को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किए जाने का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस लिस्ट में यह भारत की 43वीं, लेकिन नॉर्थईस्ट की पहली साइट होगी. चराईदेउ अहोम राजवंश की पहली राजधानी थी. अहोम राजवंश के लोग अपने पूर्वजों के शव और उनकी कीमती चीजों को पारंपरिक रूप से मैदाम में रखते थे.

पीएम मोदी ने बताया कि मैदाम, टीले नुमा एक ढांचा होता है, जो ऊपर मिट्टी से ढका होता है और नीचे एक या उससे ज्यादा कमरे होते हैं. ये मैदाम, अहोम साम्राज्य के दिवंगत राजाओं और गणमान्य लोगों के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है. अपने पूर्वजों के प्रति सम्मान प्रकट करने का ये तरीका बहुत अनोखा है. इस जगह पर सामुदायिक पूजा भी होती थी. 13वीं शताब्दी से शुरू होकर अहोम साम्राज्य 19वीं शताब्दी की शुरुआत तक चला. इतने लंबे कालखंड तक एक साम्राज्य का बने रहना बहुत बड़ी बात है. शायद अहोम साम्राज्य के सिद्धांत और विश्वास इतने मजबूत थे कि उसने इस राजवंश को इतने समय तक कायम रखा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 112वें एपिसोड में कहा कि मुझे इसी वर्ष 9 मार्च को मुझे अदम्य साहस और शौर्य के प्रतीक महान अहोम योद्धा लसित बोरफुकन की सबसे ऊंची प्रतिमा के अनावरण का सौभाग्य मिला था. इस कार्यक्रम के दौरान अहोम समुदाय आध्यात्मिक परंपरा का पालन करते हुए मुझे अलग ही अनुभव हुआ था. लसित मैदाम में अहोम समुदाय के पूर्वजों को सम्मान देने का सौभाग्य मिलना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है.

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