छत्तीसगढ़

सूदखोरों से परेशान होकर आत्महत्या करने के मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को किया गिरफ्तार, 15 लाख रुपए ऋण देकर हर सप्ताह एक लाख 90 हजार वसूलने का मामला

(शशि कोन्हेर के साथ आशीष मौर्य) : बिलासपुर : 16 सितंबर को आसमा सिटी में रहने वाले ऋषभ निगम पिता शिव कुमार निगम ने अपने ही घर में रात्रि को करीब 3 बजे सल्फास का सेवन कर आत्महत्या कर ली थी। परिजनों को जब उसके सल्फास खाने की जानकारी मिली तो उन्होंने उसे वंदना मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया।

इस अस्पताल में इलाज के दौरान ही ऋषभ की मौत हो गई। मृतक का एक सुसाइड नोट पुलिस के हत्थे लगा जिसमें उसके द्वारा तीन आरोपियों जितेंद्र मिश्रा पिता राम प्रसाद मिश्रा शुभम विहार, संदीप मिश्रा पिता बालेंद्र मिश्रा ग्राम हापा, और अमित भारते पिता बुधुराम भारते दलदलिहापारा थाना सकरी के द्वारा उसे 15 लाख रुपए का ऋण देकर  ब्याज के तौर पर हर सप्ताह 1 लाख 9 हजार रुपए वसूली किए जाने से मृतक बहुत परेशान और प्रताड़ित महसूस कर रहा था। उसने अपने सुसाइड नोट में यह जानकारी दर्ज कर सल्फास का सेवन कर लिया था। पुलिस ने सुसाइड नोट को जब्त कर आरोपियों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध करने के बाद मामले को विवेचना में ले लिया।

अपराध कायमी के बाद उक्त तीनों आरोपी बिलासपुर शहर छोड़कर फरार हो गए थे। सकरी थाना के द्वारा उसकी शतक पतासाजी की जा रही थी। लेकिन उनका कोई अता पता नहीं मिल रहा था। इस पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्रीमती पारुल माथुर द्वारा प्रकरण की लगातार समीक्षा कर फरार आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए जाते रहे।

इसके परिपालन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेंद्र जायसवाल नगर पुलिस अधीक्षक संदीप कुमार पटेल और एंटी क्राइम एवं सायबर यूनिट के हरविंदर सिंह के मार्गदर्शन में फरार आरोपियों के ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही थी। आरोपियों के द्वारा अपने फोन बंद कर दिए गए थे लेकिन व्हाट्सएप के जरिए लगातार बात किया करते थे। उनके फोन को साइबर सेल के सहयोग से ट्रैक करने पर पता चला कि आरोपी मध्यप्रदेश भोपाल में है।

जिस पर तत्काल एंटी क्राइम एवं सागर यूनिट प्रभारी हरविंदर सिंह द्वारा उपनिरीक्षक प्रभाकर तिवारी उप निरीक्षक अजय वाले आरक्षक दीपक उपाध्याय को आरोपी की गिरफ्तारी के लिए भोपाल रवाना किया। इस टीम ने हबीबगंज रेलवे स्टेशन भोपाल के सामने से आरोपियों को घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया। आरोपी गणों के कब्जे से ब्याज के रकम के बदले खरीदे गए सामान 1 नग केल्विनेटर एसी एक डाइकिन कंपनी का एसी एक आईफोन एप्पल वॉच एक मोबाइल कोड और एक स्विफ्ट कार को जब तक आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय से रिमांड पर भेजा गया।

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