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एक जुलाई से नए आपराधिक कानूनों को लागू करने की तैयारी पूरी..

तीन नए आपराधिक कानून, भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को एक जुलाई 2024 से लागू करने की तैयारी पूरी हो गई है। हर स्तर पर प्रशिक्षण का सिलसिला तेजी से चल रहा है।

एफआईआर दर्ज करने सहित नए आपराधिक कानूनों के साथ प्रौद्योगिकी अनुकूलता को सुगम बनाने के लिए मौजूदा सीसीटीएनएस एप्लीकेशन में 23 फंक्‍शनल संशोधन किए गए हैं। नई प्रणाली में निर्बाध ट्रांजिशन के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है।

नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की निरंतर समीक्षा और सहायता के लिए टीमें और कॉल सेंटर बनाए गए हैं। ऐसे एप्लीकेशन बनाए गए हैं जो सुरक्षित क्लाउड स्टोरेज सपोर्टेड हैं और इसमें अपराध स्थल की वीडियोग्राफी और इनमें फॉरेंसिक साक्ष्य एकत्र करने का प्रावधान शामिल होगा।

14 मार्च, 2024 को आपराधिक कानूनों का एनसीआरबी संकलन नामक मोबाइल ऐप वेब एप्लीकेशन लॉन्च किया गया था, वर्तमान में इसके लगभग 1.2 लाख यूजर्स हैं।

नए आपराधिक कानूनों के तहत अपराध स्थलों की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी, न्यायिक सुनवाई और इलेक्ट्रॉनिक रूप से अदालती समन भेजने को सुगम बनाने के लिए ई-साक्ष्य, न्यायश्रुति और ई-समन ऐप विकसित किए जा चुके हैं।

ई-साक्ष्य ऐप अपराध स्थलों की वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी और साथ ही दस्तावेजों की ऑनबोर्डिंग यानी ऐप पर दस्तावेजों को डालने की प्रक्रिया को सुगम बनाता है। इसे सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस विभाग के साथ साझा किया गया है। सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने इस ऐप को परखा है।

न्यायश्रुति ऐप इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से न्यायिक सुनवाई और दस्तावेजों की ऑनबोर्डिंग को सुगम बनाएगा। इसे सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ और न्यायालयों में कार्यान्वयन के लिए उच्‍चतम न्यायालय की ई-समिति के साथ साझा किया गया है। इसके अलावा ई-समन ऐप इलेक्ट्रॉनिक रूप से अदालती समन भेजने की सुविधा प्रदान कोगा ।

देश के समस्त 17,500 पुलिस थाने एक जुलाई को एक विशेष आयोजन करेंगे जिसमें महिलाओं, छात्रों, युवाओं, वरिष्ठ नागरिकों और प्रतिष्ठित हस्तियों को उस दिन प्रभाव में आने वाले तीन नये अपराध कानूनों की प्रमुख विशेषताओं से अवगत कराया जाएगा।

आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। इन नये कानूनों में भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 हैं जो एक जुलाई से प्रभाव में आएंगे।

ये तीनों नए कानून ब्रिटिश कालीन कानूनों क्रमश: भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे। सूत्रों ने बताया कि इन तीन नये आपराधिक कानूनों के प्रभाव में आने के मौके पर एक जुलाई को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रत्येक पुलिस थाने में प्रभारी अधिकारी एक कार्यक्रम आयोजित करेंगे और इन नये कानूनों की प्रमुख विशेषताओं से लोगों को अवगत कराएंगे।

इन तीन नए कानूनों में ऑनलाइन पुलिस शिकायत दर्ज होना, पेशी के लिए इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से समन भेजना, सभी जघन्य अपराधों के स्थानों की अनिवार्य रूप से वीडियोग्राफी कराना एवं ‘जीरो’ प्राथमिकी दर्ज करना जैसी प्रमुख विशेषताएं हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय अगले सप्ताह से इन तीन नए अपराध कानूनों को लागू करने के लिए कमर कस चुका है। इन कानूनों के संबंध में 5.65 लाख से अधिक पुलिस, जेल, फॉरेंसिक, न्यायिक और अभियोजन अधिकारियों को प्रशिक्षित भी किया।

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