स्थापना दिवस पर भाजपा कार्यालय में ध्वजारोहण कर प्रधानमंत्री के उद्बोधन को सुना गया
(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस 6 अप्रैल को जिला भाजपा कार्यालय बिलासपुर में ध्वजारोहण कर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का उद्बोधन सुना गया।
आज भारतीय जनता पार्टी के 44वें स्थापना दिवस के अवसर पर जिला भाजपा कार्यालय बिलासपुर में भाजपा जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत द्वारा ध्वजारोहण किया गया एवं प्रातः 9.45 से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का उद्बोधन सुनने हेतु बड़ी स्क्रीन लगाई गई। प्रधानमंत्री जी का उद्बोधन प्रारंभ होने के पूर्व भाजपा कार्यालय में उपस्थित बिलासपुर विधानसभा भाजपा मंडल बिलासपुर मध्य के बूथ क्रमांक 141 के कार्यकर्ताओं एवं गणमान्य नागरिकों को भाजपा जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत ने भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस की बधाई एवं शुभकामनायें देते हुए कहा कि विश्व के सबसे बड़े राजनैतिक दल भारतीय जनता पार्टी के देश में सबसे अधिक विधायक, सांसद, राज्य में सरकारें एवं केन्द्र में लगातार दुसरी बार माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार गरीब, शोषित, वंचित, अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के कल्याण के प्रति समर्पित है। यह वर्ग माननीय प्रधानमंत्री जी को अपने मसीहा के रूप में देखता है। हम सबको यह गर्व है कि हमारी पार्टी का स्थापना दिवस 6 अप्रैल को है। भारतीय जनता पार्टी सेवा ही संगठन में विश्वास करती है इसलिए पार्टी के स्थापना दिवस 6 अप्रैल से भारत रत्न डॉ.अम्बेडकर जी की जन्म जयंती 14 अप्रैल तक सामाजिक न्याय सप्ताह में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
श्री कुमावत ने छत्तीसगढ़ में जनसंघ की विकास यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि 1951 के अक्टूबर में जब दिल्ली अधिवेशन में डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ की नींव रखी, 1956 के बाद और 2000 से पहले मध्यप्रदेश का अंग रहा लेकिन एक सांस्कृतिक इकाई के रूप में छत्तीसगढ़ की अपनी अस्मिता एवं पहचान सदा से रही है। भारतीय जनसंघ उस नौनिहाल राजनीतिक दल का वह स्वर्णिम काल कहा जाएगा जब संपूर्ण भारत में जनसंघ के कर्णधारण सियासत की आत्मा जगाने के निमित्त, संपूर्ण राष्ट्र में जनजागरण करने, नव पल्लवित राष्ट्र के अंधकार को दूर करने हेतु निकल पडे थे और समर्पित एवं योग्य लोगों को स्वयं ढूंढ एवं चुनकर उनको अपने कारवां में शामिल कर लेते थे, छत्तीसगढ़ भी इस अभिमान में अपवाद नहीं था। 1953-54 के ही आसपास हिन्दू कोड बिल के विरोध में राजनांदगांव में एक विशाल सभी आयोजित की गई थी जिसमें तात्कालीन विधानसभाध्यक्ष घनश्याम दास जी एवं श्यामाचरण शुक्ल जी ने कांग्रेसी होते हुए भी कांग्रेस के उक्त बिल का जबरदस्त विरोध किया था। सामाजिक एवं सांस्कृतिक रूप से छत्तीसगढ़ भले ही एक इकाई थी लेकिन अलग राजनीतिक पहचान नहीं होने के कारण अंचल के कार्यकर्तागण आपस में संवाद स्थापित नहीं कर पाते थे, इसलिए संपूर्ण छत्तीसगढ़ के लिए भारतीय जनसंघ की एक इकाई बनाने का सुझाव एक कार्यक्रम में रखा गया और परिणाम स्वरूप छत्तीसगढ़ जनसंघ अस्तित्व में आया। मध्य भारत और भोपाल राज्य के विलय होने के फलस्वरूप मध्यप्रदेश अस्तित्व में आया। श्री कुशाभाऊ ठाकरे जी जनसंघ के प्रदेश संगठन मंत्री बने तथा प्रदेश अध्यक्ष सतना के राजकिशोर शुक्ला थे, छत्तीसगढ़ अंचल में उस समय तक मुठ्ठी भर लोग ही थे जिनकी अगुवाई में जनसंघ निकल पड़ा था राष्ट्र वैभव की पुनस्थापना जिसमें डॉ.पाटनकर, मदनलाल शुक्ला, लखनलाल चौबे, राधेश्याम अग्रवाल, लखीराम अग्रवाल, गोवर्धन शर्मा, जीवनलाल साहू, छोटेलाल स्वर्णकार, माधवराव कोन्हेर, गोवर्धन लाल, यमुना प्रसाद वर्मा, बद्रीधर दीवान, डॉ.रमेश अवस्थी आदि ऊर्जावान कर्मठ एवं समर्पित लोगों की ऐसी टीम थी जिसके साथ कुशाभाऊ ठाकरे जनसंघ रूपी बीज को वटवृक्ष बनाने में प्राणपण से जुट गये।
भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस पर केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देशानुसार भाजपा जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत ने बिलासपुर जिले में दोपहर 2 बजे दिवाल लेखन करके दिवाल लेखन का शुभारंभ किया।
इस मौके पर प्रमुख रूप से भाजपा जिलाध्यक्ष रामदेव कुमावत, भाजपा जिला कोषाध्यक्ष गुलशन ऋषि, जयश्री चौकसे, अरविंद बोलर, श्रीकांत सहारे, विकास मिश्रा, चंद्रप्रकाश सूर्या, बंसीलाल अहिरवार, आनंद तिवारी, दुकालूराम अहिरवार, सम्पतलाल अहिरवार, सागर अहिरवार, शंकरलाल अहिरवार, हरीश मोटवानी, राकेश तिवारी, बबलू चौधरी, सुनील विश्वकर्मा, श्याम प्रजापति, संजय मुरारका, सावित्री अहिरवार, शेखर बाजपेयी, विनयसागर देवांगन, सन्नी पटेन, बबलू चौधरी, राजकुमार पमनानी, सन्नी केसरी, अन्नू कश्यप, ममता अहिरवार, माया अहिरवार, मनोहर वाधवानी, गुड्डे खरे, रानू नामदेव सहित भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।