पंजाब में कैदी, अब जेल में ही अपनी पत्नी से एकांत में मिल सकेंगे, सरकार ने लिया फैसला……
(शशि कोन्हेर) : पिछले दिनों पंजाब के क़ैदियों को एक ऐसी सुविधा दी गई , जिसकी ख़ासी चर्चा है. सरकार ने पंजाब की 17 जिलों में कैदियों को अपनी पत्नी के साथ अकेले में मिलने भेंट करने का मौका देने का निर्णय लिया है। सरकार का यह निर्णय इतना ही तरह की पहले ही हफ्ते में 385 कैदियों ने अपनी पत्नी के साथ अकेले में मिलने के लिए आवेदन पत्र दे डाला।
इस सुविधा को लेने वाले सबसे पहले कैदी गुरजीत सिंह ने कहा, ”जेल तो जेल है. कोई भी जेल हो कैदी वहाँ अकेलापन महसूस करता है. अवसाद में रहता है. लेकिन पिछले दिनों जब मेरी पत्नी मुझसे जेल में मिलने आई और हमें यहीं एकांत में कुछ घंटे बिताने दिए गए. ये मेरे लिए बड़ी राहत की बात थी.”
दरअसल पंजाब जेल के अंदर एकांत में पति-पत्नी को मिलने की सुविधा देने वाला पहला राज्य बन गया है.
इस नियम के बाद जेल में क़ैदी अपने पति या पत्नी से एकांत में मिल सकेंगे. इस अंतरंग मुलाक़ात के दौरान वो शारीरिक संबंध भी बना सकते हैं.
गुरजीत कहते हैं- एक जोड़े को काफ़ी कुछ करना होता है. हम विवाहित हैं. शादी प्रेम का पवित्र बंधन है. इसलिए अब सरकार जब शादी-शुदा जोड़ों को जेल में निजी मुलाक़ात का मौक़ा दे रही है तो हमें इसका लाभ लेना चाहिए.
पंजाब में पहले क़ैदियों को किसी आगंतुक या मिलने आने वाले से शारीरिक संपर्क की इजाज़त नहीं थी. उन्हें फ़ोन से बात करने या एक दूरी रखते हुए बात करने की अनुमति थी. इस दौरान उनके बीच शीशे की दीवार होती थी.
पंजाब के विशेष महानिदेशक (जेल) हरप्रीत सिद्धू बीबीसी से कहते हैं, ”जो पति या पत्नी जेल में नहीं हैं उन्हें सज़ा देने का कोई तुक नहीं है. हम चाहते हैं कि क़ैदियों का तनाव काबू रहे और समाज में उनकी वापसी सुनिश्चित हो. लिहाजा हमने पंजाब की जेलों में क़ैदियों को उनके जीवनसाथी से एकांत में मिलने देने का फ़ैसला किया. यह देश में अपनी तरह का पहला पायलट प्रोजेक्ट है.”
उन्होंने कहा, ”20 सितंबर को यह सुविधा पहले तीन जेलों में शुरू की गई. तीन अक्तूबर तक राज्य की 25 जेलों में से 17 में ये सुविधा बहाल कर दी गई. ”
उन्होंने बताया, ”जोड़ों का मिलन या उनके बीच यौन संबंध एक ज़रूरत है. कई देशों की जेलों में इसकी अनुमति है. हमने ये भी महसूस किया कि अदालतों के कई ऐसे आदेश हैं, जो इस तरह के क़दम का समर्थन करते हैं. ”
अधिकारियों का कहना है कि ये योजना हिट रही. पहले ही सप्ताह में क़ैदियों की ओर से अपने पति या पत्नी से मिलने की अनुमति के लिए 385 आवेदन मिले. 37 साल के जोगा सिंह धोखाधड़ी के अभियुक्त हैं और जेल में बंद हैं.
उन्होंने कहा, ”मैं अपने परिवार से महीनों से नहीं मिला था. ये चीज़ मुझे अंदर से परेशान कर रही थी. लेकिन इस योजना की वजह से मुझे जेल के अंदर पत्नी से अकेले से मिलने दिया गया. इसने मुझे ऊर्जा से भर दिया.”
अमृतसर के रहने वाले इस विचाराधीन क़ैदी ने कहा कि पहले उन्हें शक था कि जेल का स्टाफ जोड़ों से कैसे बर्ताव करेगा, लेकिन सब कुछ अच्छा रहा.