(भूपेंद्र सिंह राठौर) : बिलासपुर में रेलवे ने वंदेभारत ट्रेनों के मेंटनेंस के लिए डिपो बनाने के लिए 242 पेड़ों की कटाई की, जिससे वहां की हरियाली प्रभावित हुई है। चीफ जस्टिस ने पर्यावरण संरक्षण की अनदेखी पर कड़ी नाराजगी जताते हुए रेलवे और राज्य प्रशासन से शपथ पत्र के माध्यम से जवाब देने को कहा है।
अदालत ने पूछा कि क्या रेलवे के पास पेड़ काटने की कोई विशेषज्ञता है। उन्होंने रेलवे और राज्य सरकार से शपथ पत्र के माध्यम से जवाब तलब किया है।
महाधिवक्ता ने चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा औऱ बिभू दत्ता गुरु कि बेंच को जानकारी दी कि 160 पेड़ काटे गए, 54 पेड़ विस्थापित किए गए, जबकि 72 पेड़ अब भी स्थल पर मौजूद हैं।
जबकि वन विभाग ने अपने हलफनामे में कहा है कि अनुमति मांगी गई थी, लेकिन पहले ही यहां कई प्रजातियों के सैकड़ो पेड़ों की कटाई की जा चुकी थी। अब इस मुद्दे पर कोर्ट ने 2 सप्ताह का समय देते हुए रेलवे से शपथ पत्र में जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी।
अब देखना होगा कि कोर्ट के इस कड़े रुख के बाद पर्यावरण संरक्षण के प्रति रेलवे की क्या प्रतिक्रिया आती है और क्या भविष्य में ऐसी हरित कटाई से बचने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाते हैं।