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सड़क पर राजस्थान कांग्रेस की गुटबाजी, भीड़ ने दो मंत्रियों की ओर फेकें जूते चप्पल…और  सचिन पायलट के पक्ष में लगाए नारे

(शशि कोन्हेर) : राजस्थान सरकार में उद्योग मंत्री शकुंतला रावत और खेल राज्यमंत्री अशोक चांदना  पर लोगों ने जूते-चप्पल और पानी की खाली बोतलें फेंकी। दरअसल, सोमवार को गुर्जर आरक्षण आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले स्व.कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अस्थियों का विसर्जन अजमेर जिले के पुष्कर तीर्थ स्थल के 52 घाटों पर हुआ था।

पुष्कर सरोवर में पूजा-अर्चना की गई थी। कर्नल बैंसला का करीब दो महीने पहले निधन हो गया। धार्मिक कार्यक्रम से पूर्व पुष्कर के मेला मैदान में अति पिछड़ा वर्ग (गुर्जर, रेबारी, राइका, देवासी, गड़रिया, बंजारा, गाडरी, गायरी, गाडोलिया लुहार) की सभा हुई।

सभा में जैसे ही चांदना ने भाषण देना शुरू किया तो लोगों ने उन की तरफ जूते-चप्पल, पानी की खाली बोतलें फेंकना शुरू कर दिया। आक्रोशित लोग चांदना के खिलाफ और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। हंगामा इतना बढ़ा कि चांदना को अपना भाषण बीच में ही रोकना पड़ा।

रावत को गुर्जर समाज का विरोधी बताया गया
उनके साथ अभद्र व्यवहार करने के लिए लोग मंच तक पहुंच गए, जिन्हें पुलिसकर्मियों ने रोका। इससे पहले रावत ने भाषण दिया तब भी लोगों ने उनके खिलाफ नारे लगाए। रावत को गुर्जर समाज का विरोधी बताया गया। हंगामे के बीच रावत ने करौली में स्व. बैंसला के नाम पर महाविद्यालय खोलने की घोषणा की।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में चांदना और रावत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेमे में है। वहीं गुर्जर समाज का मानना है कि गहलोत के कारण पायलट सीएम नहीं बन सके। रावत व चांदना ने पायलट के साथ धोखा किया है।

लोकसभा अध्यक्ष सहित कई नेता श्रद्धांजलि देने पहुंचे
स्व. बैंसला का श्रद्धांजलि देने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, विधानसभा में विपक्ष के उप नेता राजेंद्र राठौड़, सांसद भागीरथ चौधरी, सीएम गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत सहित कई नेता पहुंचे।

इस मौके पर आरक्षण आंदोलन में शहीद हुए समाज के 70 लोगों के स्वजनों का सम्मान किया गया। इससे पहले बैंसला का अस्थि कलश 25 दिन में 75 विधानसभा क्षेत्रों से होता हुआ शनिवार देर रात पुष्कर पहुंचा था। गुर्जर समाज की तरफ से दो दिन तक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। सोमवार को सभा के साथ ही अस्थि विसर्जन का कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम में अधिकांश लोग गुर्जर समाज के शामिल हुए।

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