छत्तीसगढ़

राजश्री साहित्य अकादमी का आगाज-ए-महफ़िल…..

छत्तीसगढ़ – राज श्री साहित्य अकादमी के तत्वाधान में आज 7 अगस्त 2022 में देश में चल रहा है 75 वे आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान दूसरा राष्ट्रीय काव्य सम्मेलन का आयोजन किया गया । मुख्य अतिथि डॉक्टर मधुरकर राव लारोकर जी का गोष्ठी में अभिवादन किया गया जिन्होंने बहुत सुंदर शब्दों के साथ इस कार्यक्रम के लिए गोष्ठी को बधाई दी और शुभाशीष वचनों से अपनी हार्दिक शुभकामनाएं प्रदान की।

राज श्री साहित्य अकादमी के तत्वाधान में पुनः #राष्ट्रीयकविसम्मेलन सम्पन्न:……
राज श्री साहित्य अकादमी मंच ने फिर से एक नया आयाम एक नए शिखर को छू लिया है आज 75 वा आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए मंच के तत्वाधान में ऑनलाइन राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के कवि सम्मिलित हुए।

कार्यक्रम से आरम्भ मे संस्थापक राजेन्द्र कुमार राज जी द्वारा सभी कवियों का स्वागत अभिनन्दन करते हुए कार्यक्रम शुभारंभ की घोषणा की।

मंच का संचालन रश्मि मृदुलिका जी एवं सपना अग्रवाल जी के द्वारा किया गया काव्य सम्मेलन का आरंभ मां सरस्वती की वंदना से हुआ जिसमे पार्वती वैष्णवी जी ने अपने मधुर स्वर प्रदान किया। इसके बाद मंच के संस्थापक आदरणीय राजेंद्र पांडेय जी ने सभी कवियों का स्वागत किया l
सबसे पहले कुमारी भारती जी ने राजस्थान की वीरांगना पर, इसके बाद कवयित्री सपना अग्रवाल ने देशभक्ति गीत ,आ. रीना तिवारी जी, रचनाकार संदीप सिंह जी और उसके पश्चात मुख्य अतिथि ङा.मधुकर राव लारोकर ने शहीदों के सम्मान में बहुत सुंदर मंत्रमुग्ध कर देने वाला काव्य पाठ किया।

क्रम को आगे बढ़ाते हुए हमारे राजश्री ग्रुप के सलाहकार एडमिन महेंद्र कुमार जी ने सैनिकों को सम्मानित करते हुए सुंदर काव्य पाठ किया आदरणीय अध्यक्ष पंकज जोशी जी ने मंच को संबोधन किया इसके पश्चात कवित्री मनोरमा मिश्रा, आदरणीय अरुण सेमवाल जी ,आर प्रजापति जी, पार्वती वैष्णव जी, पूनम डबराल जी, कुसुम डोगरा जी ने शहीदों को याद करते हुए देशभक्ति रचनाएं प्रस्तुत की और देश के शहीदों को नमन कर मंच को मंत्रमुग्ध कर दिया
समूह के अध्यक्ष पंकज जोशी जी सचिव ज्योति महाजन जी विजयलक्ष्मी पाण्डेय जी ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महती भूमिका निभाई।


कार्यक्रम के सपना अग्रवाल जी ने सभी रचनाकारों का धन्यवाद ज्ञापन दिया और दो शब्द कहे ……
‘अलविदा तो अंत है और इसे अंत ना कहो
अभी तो आगाज है अंजाम तो होने दो।’
वास्तव में यह राजश्री साहित्य अकादमी के लिए कहीं ना कहीं यह सटीक बैठता है।

मंच की संचालिका रश्मि मृदुलिका द्वारा सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम समापन की घोषणा की मंच पर कुल 18 कवियों ने काव्यपाठ किये।

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