काशी विश्वनाथ में टूटा रिकॉर्ड, छठे सोमवार शाम छह बजे तक ही दर्शनार्थियों की संख्या इतनी पहुँची
(शशि कोन्हेर) : सावन के छठे सोमवार को वाराणसी में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा हुआ है। हर तरफ शिव के भक्तों का सैलाब दिखाई दे रहा है। काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास के दो किलोमीटर इलाके में केवल सिर ही सिर दिखाई देते रहे। शाम छह बजे तक ही छह लाख से ज्यादा श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दरबार में अपनी हाजिरी लगा चुके थे। माना जा रहा है।
कि रात 11 बजे मंदिर बंद होने तक यह संख्या सात लाख के पार कर सकती है। इस सोमवार कांवरियों से कहीं अधिक संख्या विभिन्न प्रांतों के तीर्थयात्रियों की दिखी। माना जा रहा है कि शनिवार से मंगलवार तक चार दिन में तीन सरकारी छुट्टी होने से लोग परिवार के साथ पहुंचे हैं।
इससे पहले सोमवार की भोर में 3.55 पर मंगला आरती के बाद मंदिर आम दर्शनार्थियों के लिए खोला गया। उस समय एक कतार गंगा घाट से गोदौलिया होते विश्वनाथ धाम परिसर तक जा रही थी जबकि दूसरी कतार ज्ञानवापी से चौक नीचीबाग से मैदागिन तक पहुंच चुकी थी। रविवार रात दस बजे से ही भक्त कतार में लगने लगे थे। मध्यरात्रि तक ज्ञानवापी से दोनों ही ओर लंबी लाइन लग चुकी थी।
मैदागिन चौराहे पर लगे सहायता शिविर के बाहर कांवरियों की टोलियों ने नाच कर सारी रात बिताई। वहीं बीच कतार में घुसने की कोशिश करते कई कांवरियों को विरोध भी झेलना पड़ा। बांसफाटक से हौजकटोरा के बीच कई कांवरिये तो कतार में घुसने में कामयाब हो गए लेकिन बहुतेरों को दशाश्वमेध पर कतार में सबसे पीछे खड़े होना पड़ा। बुजुर्गो और दिव्यांगों को टोटो से गोदौलिया व मैदागिन से मंदिर ज्ञानवापी द्वार तक पहुंचाया गया।
सुरक्षा पर लगातार निगाह
गंगा घाटों से लेकर विश्वनाथ धाम तक सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था दिखी। यह भी ध्यान रखा गया कि स्थानीय लोगों, तीर्थ यात्रियों और सैलानियों को विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र के अन्य मंदिरों व होटल-लॉजों तक पहुंचने में दिक्कत न हो। स्काउट-गाइड्स के रेंजर्स और एनसीसी के कैडेट भी दर्शनार्थियों की सेवा में लगे रहे।
सामाजिक संगठनों ने की सेवा
मौसम के मिजाज को देखते हुए धाम में पेयजल की व्यवस्था की गई थी। वहां मेडिकल कैंप भी लगा था जिसका सैकड़ों भक्तों ने लाभ लिया। मैदागिन स्थित विद्युत उपकेंद्र के पास इंडियन यूथ फाउंडेशन, लक्सा रोड पर मारवाड़ी युवक संघ, गोदौलिया पर नागरिक सुरक्षा ने सेवा शिविर लगाए थे। बुलानाला पर नरवा बीर बाबा प्रबंध समिति की ओर से फलाहार वितरित किया गया। रथयात्रा स्थित शिविर में कांवरियों की चंपी भी की गई।
टूटा डाकबम का संकल्प
प्रयाग से जल लेकर चले दर्जनों डाक बम बाबा धाम तक तो पहुंच गए लेकिन सुरक्षा कर्मियों के उन्हें कतार में खड़ा कर देने से उनका संकल्प टूट गया। नियमानुसार प्रयाग से जल उठाने वाले डाक बम बाबा विश्वनाथ को जल चढ़ाने के बाद ही रुकते हैं लेकिन सुरक्षा कर्मियों की जिद के आगे वे विवश हो गए। बहुत से डाम बम कतार में एक जगह खड़े होकर कदमताल कर रहे थे ताकि गर्भगृह तक पहुंचने से पहले उनके कदम न रुकें