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देश में कोरोना वायरस के रिकॉर्ड तोड़ मामले आ रहे हैं… बावजूद इसके दिल्ली,महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री फिलहाल लॉकडाऊन के पक्ष में नहीं..!

(शशि कोन्हेर) : नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। सभी राज्यों से कोविड-19 के रिकॉर्ड तोड़ नए मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में सरकार द्वारा लगातार संक्रमण के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए सभी तरह के एहतियाती उपाय किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, आज देशभर से डेढ़ लाख से अधिक नए केस सामने आए हैं। जबकि एक्टिव केस का आंकड़ा 5.90 लाख के पार हो गया है।

अब हर तरफ सिर्फ एक ही सवाल है कि क्या होगा यदि कोरोना बेकाबू हो गया? क्या एक बार फिर लॉकडाउन लगेगा? क्या एक बार फिर लोगों को सब काम धंधा छोड़कर घरों में कैद होना पड़ेगा? इस मुद्दे पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन का बयान आया है। सौम्या स्वामीनाथन का साफ कहना है कि लॉकडाउन समाधान नहीं है। उनके मुताबिक, कोरोना संक्रमण और इसके अलग-अलग वेरिएंट्स को लेकर अब दुनिया में समझ पैदा हो गई है। वैज्ञानिकों को पता है कि इस बीमारी का सामना कैसे करना है। लोग भी जागरूक हुए हैं। इस कारण लॉकडाउन नहीं लगना चाहिए। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल अगर लोग मास्क पहनेंगे और घरों से निकलना कम कर रही है और शायद लॉक डाउन की जरूरत ही ना पड़े। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का भी कमोबेश ऐसा ही विचार है। उनका कहना है कि लोग प्रोटो कॉल का पालन करें और भीड़भाड़ से परहेज करे।
छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के मामले दोगुनी रफ्तार से बढ़ रहे हैं। नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बढ़ते संक्रमण के दर और लॉकडाउन को लेकर आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फिर बयान दिया है। सीएम ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में कोरोना के मामले की तेजी से बढ़ रहे हैं।

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