देश भर में भानुप्रतापपुर समेत छह विधानसभा और एक लोकसभा सीट के नतीजे आज
(शशि कोन्हेर) : दिल्ली के MCD चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. अब सबका फोकस गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव और कुछ राज्यों में हुए उपचुनाव के नतीजों पर शिफ्ट हो गया है. गुरुवार को पांच राज्यों की छह विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट (मैनपुरी) पर वोटों की गिनती होनी है.
जिन विधानसभा सीटों के नतीजे आएंगे उनमें उत्तर प्रदेश की रामपुर और खतौली सीट, ओडिशा की पद्मपुर सीट, राजस्थान की सरदारशहर सीट, बिहार की कुढ़नी और छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर सीट शामिल है. इसके अलावा मैनपुरी की लोकसभा सीट पर भी उपचुनाव हुआ था. ये सीट पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई थी जिसपर अब हाईप्रोफाइल मुकाबला है. इन सबके नतीजे गुरुवार को हिमाचल प्रदेश और गुजरात के नतीजों के साथ आएंगे.
यूपी में खतौली, रामपुर विधानसभा और मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था. तीनों सीटों के नतीजे केंद्र और राज्य सरकार की सत्ता पर तो कोई असर नहीं डालेंगे, लेकिन ये बीजेपी और सपा दोनों के लिए साख की लड़ाई जरूर है. तीन सीटों के ये नतीजे दोनों ही पार्टियों के लिए अहम हैं. अगर बीजेपी जीतती है तो सपा के खिलाफ ये उसकी लगातार तीसरी जीत होगी. वहीं अगर सपा जीतती है तो ये उसके लिए उपलब्धि जैसा होगा और साबित हो सकेगा कि अपने गढ़ में सपा अब भी मजबूत है.
उत्तर प्रदेश में मैनपुरी सीट पर सबकी नजरे हैं. मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को उतारा है. वहीं बीजेपी ने रघुराज सिंह शाक्य को उम्मीदवार बनाया है, जो कि मुलायम के भाई शिवपाल यादव के शिष्य रहे हैं.
अब बात करते हैं रामपुर की. मौजूदा विधायक आजम खान को 2019 के एक हेट स्पीच के मामले में दोषी पाया गया था. इसके बाद उनको अयोग्य ठहराया दिया गया और उनकी विधायकी छिन गई. अब बीजेपी ने यहां से आकाश सक्सेना को उतारा है जो कि पूर्व विधायक शिव बहादुर सक्सेना के बेटे हैं. वहीं सपा ने असीम रजा को टिकट दिया है.
खतौली की बात करें तो यहां बीजेपी विधायक विक्रम सैनी की विधायकी छिन गई थी. इसलिए यहां उपचुनाव हुआ था. बीजेपी ने यहां से विक्रम सिंह सैनी की ही पत्नी रामकुमारी सैनी को उतारा है. वहीं RLD-सपा ने यहां मदन भैया को उम्मीदवार बनाया है. वह चार बार विधायक रह चुके हैं लेकिन आखिरी बार इलेक्शन 15 साल पहले जीते थे. 2012, 2017 और 2022 में उन्हें लोनी से हार का सामना करना पड़ा था.
बिहार की कुढ़नी सीट
गठबंधन टूटने के बाद बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड यानी नीतीश कुमार की पार्टी यहां पहली बार आमने-सामने हैं. यहां से नीतीश कुमार की जेडीयू ने मनोज सिंह कुशवाह और बीजेपी ने केदार गुप्ता को उतारा है. यहां चुनाव RLD विधायक अनिल कुमार सहानी को अयोग्य ठहराए जाने के बाद हो रहा है. अब उपचुनाव में RJD नीतीश कुमार की पार्टी को सपोर्ट कर रही है.
राजस्थान की सरदारशहर विधानसभा सीट पर उपचुनाव है. ये उपचुनाव कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा (77 साल) के निधन के बाद हुआ था. कांग्रेस ने यहां से भवंर लाल के बेटे अनिल कुमार को उतारा है. वहीं बीजेपी ने पूर्व विधायक अशोक कुमार को टिकट दिया है.
ओडिशा की राज्य की पद्मपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था. ये उपचुनाव बीजू जनता दल (BJD) के विधायक बिजय रंजन सिंह बरिहा के निधन के बाद हुआ था.
छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई थी. कांग्रेस विधायक और डिप्टी स्पीकर मनोज सिंह माधवी के निधन से ये सीट खाली हो गई थी. इस सीट से कुल सात उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं लेकिन मुख्य टक्कर बीजेपी और सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी की है.