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सपा से निकाले जाने के बाद ऋचा सिंह की आई प्रतिक्रिया

(शशि कोन्हेर) : सपा से निकाले जाने के बाद ऋचा सिंह ने समाजवादी पार्टी पर बड़ा हमला बोला है। पार्टी की कार्रवाई से नाराज ऋचा सिंह ने सपा को महिला विरोधी बता दिया। ऋचा ने लगातार एक के बाद एक कई ट्वीट किए। ऋचा ने ट्वीट के जरिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी कई सवाल खड़े किए।

पहले ट्वीट में ऋचा सिंह ने लिखा, मात्र अपना, अपने परिवार के कल्याण तक सीमित स्वघोषित सामाजिक न्याय के अवसरवादी अगर महिलाओं के लिए मुख्यधारा की राजनीति में, समाज में बराबर की सहभगिता के लिये, परिवर्तन के लिये कभी प्रयास किया होता, वंचित समाज के रोज़गार,छात्रवृत्ति मुद्दे पर जनांदोलन करते तो बेहतर था।

इसके बाद ऋचा ने दूसरा ट्वीट किया, जिसमें लिखा, संविधान के भाग 3, फंडामेंटल राइट पृष्ठ की शुरुआत भगवान राम लक्ष्मण और भगवती सीता के चित्र से होती है। राम भारत की आत्मा हैं। यहां तक कि अल्लामा इक़बाल ने उनको इमामे हिंद माना है। ऐसे में भारत की आध्यात्मिक एवं संवैधानिक आत्मा के साथ मैं खड़ी थी और खड़ी रहूँगी। ऋचा सिंह ने इसके बाद बाद ट्वीट की झड़ी लगा दी।

उन्होंने आगे लिखा, लोकतांत्रिक और सामाजिक न्याय विरोधी कार्यवाही। बिना कारण बताओ नोटिस दिए व आधार बताये समाजवादी पार्टी की एक तरफा और अलोकतांत्रिक कारवाई. बिना दूसरे पक्ष को सुने judgement को कंगारू कोर्ट कहते हें. प्राकृतिक न्याय और सामाजिक न्याय विरोधी पार्टी, समाजवाद पार्टी।

ऋचा ने सपा को महिला विरोधी बताते हुए लिखा, महिलाओं का अपमान करने वाले लंपटों के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जी डीजीपी ऑफिस पहुंच जाते हैं और महिलाओं के-जन अधिकारों के लिये संघर्ष करने वाली महिलाओं को बिना कारण बताए निष्कासित कर दिया जाता है। महिला विरोधी चेहरा समाजवादी पार्टी।

समाजवाद का तात्पर्य है किसी के साथ भी जाति, धर्म और लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाना लेकिन आज जिस तरीके से जाति और लिंग के आधार पर मेरे साथ भेदभाव किया गय, समाजवादी पार्टी ने लोहिया जी के समाजवाद का गला घोंट दिया।

“महिलाएं “ताड़न” की अधिकारी इसको स्वयं समाजवादी पार्टी ने चरितार्थ किया है”

आज अगर लोहिया जी होते जो रामायण मेले के आयोजन की बात किया करते थे, समाजवादी पार्टी के द्वारा लोहिया जी का भी निष्कासन कर दिया जाता। बतादें कि रामचरितमानस को लेकर दिए गए विवादित बयान को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार निशाने पर हैं। स्वामी के खिलाफ खुद उनकी पार्टी के भी विधायक और नेताओं ने मोर्चा खोल रखा है। रोली तिवारी मिश्रा और ऋचा सिंह भी लगातार स्वामी प्रसाद मौर्य पर ट्वीट के जरिए लगातार हमलावर थीं। गुरुवार को भी दोनों नेताओं ने स्वामी पर ट्वीट के जरिए हमला बोला था। स्वामी पर हमले को देखते हुए सपा ने दोनों नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।

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