रायपुर

देश में बढ़ती महंगाई बेराजगारी भुखमरी केंद्र में बैठी नरेंद्र मोदी सरकार की देन – मोहन मरकाम

(शशि कोन्हेर) : रायपुर – प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने देश में बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि महंगी गैस, महंगा तेल, थोक और खुदरा महंगाई आजादी के बाद सर्वोच्च शिखर पर है, सिर्फ सत्ता की भूख में मोदी सरकार आम जनता की कमर तोड़ रही है, फिर भी महंगाई से देशवासियों को लूटने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ रही है। पेट्रोल-डीजल 100 के पार, रसोई गैस 1100, खाने का तेल 200 के पार। आम जनता बेबस और लाचार है पर मोदी सरकार केवल अपने चांद पूंजीपति मित्रों के मुनाफे की सोच रही है। मोदी सरकार ने पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी विगत 7 साल में 258 परसेंट बढ़ायी गई है और डीजल पर 820 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। इन तमाम आंकड़ों के बावजूद मोदी सरकार द्वारा महंगाई को झूठलाया जाना यह प्रदर्शित करता है कि महंगाई को काबू करना मोदी सरकार के बस में नहीं है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि चालू वित्तीय वर्ष में चार बार रेपो रेट बढ़ाना यह प्रमाणित करता है कि मोदी सरकार महंगाई को नियंत्रित करने में पूरी तरह नाकाम रही है। 100 दिन में महंगाई कम करने का झांसा देकर केंद्र में बैठी मोदी सरकार ने अब जनता के प्रति जवाबदेही से मुंह मोड़ लिया है। भुखमरी इंडेक्स में भारत लगातार नीचे आ जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार देश के 45 करोड़ युवा गलत आर्थिक नीतियों से हताश होकर नौकरी की तलाश ही बंद कर चुका है। मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के चलते देश की अर्थव्यवस्था तेजी से उल्टे पांव भाग रही है। जीडीपी लगातार लक्ष्य और अनुमान से कम हो रहा है। नई नौकरी तो दूर लोगों की लगी लगाई नौकरी छीनी जा रही है बेरोजगारी ऐतिहासिक रूप से शिखर पर है, लेकिन मोदी सरकार आत्ममुग्धता से बाहर ही नहीं आ पा रही है। अगर देश की सरकार ही जिम्मेदारी नहीं लेगी तो समस्या का समाधान कैसे होगा?

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश की अर्थव्यवस्था लगातार गर्त में जा रही है। देश की जीडीपी 8.2 से गिरकर 5.7 हो गयी है। विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय व्यापार संतुलन बिगड़ने से आयात पर निर्भरता तेजी से बढ़ रही है। देश पर कुल कर्ज का भार 3 गुना बढ़ चुका है। विगत 12 महीनों में डॉलर के मुकाबले रुपए का मूल्य 12 प्रतिशतसे ज्यादा गिर चुका है। मोदी राज में विगत एक माह में ही विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 26 बिलियन डालर कम हुआ है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 2014 की तुलना में 20 परसेंट कम होने के बावजूद डीजल और पेट्रोल 30 से 40 रूपए प्रति लीटर महंगे बेचे जा रहे हैं। थोक और खुदरा महंगाई दर आरबीआई द्वारा तय सीमा से लगातार ऊपर है लेकिन मोदी सरकार का फोकस केवल चंद पूंजीपतियों के मुनाफे पर केंद्रित है।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button