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आरएसएस ने मुलायम सिंह और शरद यादव को दी श्रद्धांजलि….सतीश कौशिक के निधन पर भी जताया शोक

(शशि कोन्हेर) : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अहम बैठक में रविवार को समाजवादी पार्टी के दिवंगत नेता मुलायम सिंह यादव, समाजवादी नेता शरद यादव और वरिष्ठ अधिवक्ता शांति भूषण को श्रद्धांजलि दी गई. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन मोदी और अभिनेता-फिल्म निर्माता सतीश कौशिक का भी नाम था. बैठक के पहले सत्र में आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने उन सभी प्रसिद्ध हस्तियों के नाम पढ़े, जिनका पिछले एक साल में निधन हो गया.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की 3 दिवसीय वार्षिक आम बैठक रविवार को हरियाणा के समालखा में शुरू हुई, जिसमें संगठन की ओर से पिछले एक साल में दिवंगत हुए राजनीतिक नेताओं और प्रसिद्ध हस्तियों को श्रद्धांजलि दी गई. सूची में मुलायम सिंह यादव, शरद यादव और भूषण सहित 100 से अधिक नाम शामिल थे.

12 से 14 मार्च तक चलने वाली इस बैठक में अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा अपनी शताब्दी वर्ष विस्तार योजना के तहत 2022-23 में कार्यों की समीक्षा करेगी और 2023-24 के लिए लक्ष्य निर्धारित करेगी. अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा संघ की सर्वोच्च नीति निर्णायक इकाई है. बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ साल 2025 में अपनी स्थापना के 100 साल पूरे करने जा रहा है.

अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत 1400 से अधिक पदाधिकारी भाग ले रहे हैं. तीन दिनों तक विश्व हिंदू परिषद समेत संघ से जुड़े 34 संगठनों के पदाधिकारी भी इसमें भाग लेंगे. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बी एल संतोष भी शामिल होने पहुंचे हैं.

यह प्रतिनिधि सभा कई सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर भी चर्चा करेगी. खासकर देश में सामाजिक सद्भाव का माहौल कैसे बनाया जाए और नागरिकों को अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रेरित करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने जैसे विषय भी इसमें शामिल हैं.

आरएसएस के संयुक्त महासचिव डॉ. मनमोहन वैद्य ने बताया कि महिलाओं को ‘शाखाओं’ से जोड़ने पर बैठक में चर्चा होगी. इसके अलावा आरएसएस के मीडिया संबंधों के प्रमुख सुनील आंबेकर के मुताबिक, आरएसएस की शाखाएं वास्तव में समाज में बदलाव लाने के केंद्र हैं और वे स्वयंसेवकों द्वारा किए गए समाज के अध्ययन के आधार पर अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में इसके लिए काम करती हैं. इस बैठक में पिछले कुछ वर्षों में स्वयंसेवकों द्वारा किए गए अध्ययनों और उनके आधार पर किए गए कार्यों पर चर्चा होगी.

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