एक निजात अभियान,ट्रैफिक पुलिस भी चलाए…सड़क किनारे बेजा कब्जा कर ठेला ठप्पर लगाने वालों के खिलाफ करें कार्रवाई, यातायात में बाधक तत्वों को सिखाएं सबक
(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। नशे के सौदागरों और नशाखोरी के खिलाफ पुलिस अधीक्षक श्री संतोष सिंह के निर्देशन में चल रहे निजात अभियान की शहर के लोग सराहना कर रहे हैं। बिलासपुर के आसपास स्थित गांवों और चांटीडीह, चिंगराजपारा जरहाभाठा मिनी बस्ती, कतिया पारा दयालबंद चुचहियापारा, सिरगिट्टी और तिफरा जैसे इलाकों में रहने वाले गरीब गुरबा लोग तथा उनके बच्चों को नशे की लत से बचाने में कारगर साबित हो सकता है पुलिस का निजात अभियान। इस अभियान के चलते पुलिस की सक्रियता के परिणाम भी अब सामने आने लगे हैं।
इसी तरह लगे हाथों बिलासपुर की ट्रैफिक पुलिस को भी पुलिस अधीक्षक द्वारा चलाये जा रहे निजात अभियान का परिपालन करते हुए अलग से अपना एक और निजात अभियान चलाना चाहिए। जिसमें सड़कों को उसके इर्द-गिर्द ठेला अथवा-ठप्पर तथा छोटी मोटी दुकाने लगाकर बेजा कब्जा करने वालों से निजात मिल सके।
वही शहर के मुख्य मार्ग में सदर बाजार से लेकर गांधी चौक तक, और पुराना बस स्टैंड तथा तिफरा बस्ती सहित चिन्हित सड़कों पर यातायात की अराजकता से बिलासपुर वासियों को निजात दिलाने की पहल करनी चाहिए। बिलासपुर के जिन चौक चौराहों में ट्रैफिक सिग्नल लगे हैं। वहां ट्रैफिक पुलिस के जवान एक मासूम दर्शक की तरह सिग्नल को ओवरशूट करने वाले बाइकर्स को और कार वालों को एक तमाशे की तरह चुपचाप देखते रहते हैं।
कायदे से ट्रैफिक पुलिस को सिग्नल को ओवरशूट करने वाले छोकरों और कार वालों की जानलेवा ड्राइविंग से बिलासपुर शहर को निजात दिलानी चाहिए। शहर के विभिन्न स्थानों की तरह ट्रैफिक पुलिस को भी अपने अधिकार क्षेत्र का निजात अभियान जरूर शुरू करना चाहिए। उससे बिलासपुर की सड़कें बेजा कब्जा और अराजक ट्रैफिक से मुक्त होंगी। इससे बिलासपुर की जनता राहत तो महसूस करेगी ही वहीं सड़कों पर दुर्घटनाओं में आहत होने से भी बचेगी।