छत्तीसगढ़

शिक्षा के साथ संस्कार देने में अग्रणी संस्थान है सरस्वती शिशु मंदिर : अरुण साव

(शशि कोन्हेर) : सरगांव – सरस्वती शिशु मंदिर छत्तीसगढ़ ही नहीं पुरे भारतवर्ष में शिक्षा के साथ संस्कार देने के कार्य में अग्रणी हैं। सरस्वती शिशु मंदिर के माध्यम से जो राष्ट्र निर्माण का कार्य किया जा रहा है वो महनीय है, उक्त बातें
सरस्वती शिशु मंदिर बैतलपुर (चंद्रखुरी) आयोजित नवीन कक्ष निर्माण भूमि पूजन कार्यक्रम में सांसद एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए।


कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जुड़ावन सिंह ठाकुर (अध्यक्ष, सरस्वती शिक्षा संस्थान छत्तीसगढ़,) विशिष्ट अतिथि के रूप में धरमलाल कौशिक ( विधायक एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष) विवेक सक्सेना (प्रादेशिक सचिव सरस्वती शिक्षा संस्थान छत्तीसगढ़) डॉ देवनारायण साहू (प्रांत संगठन मंत्री विद्या भारती छत्तीसगढ़ ) ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।


विशिष्ट अतिथि के रूप में पुरंदन कश्यप (प्रांतीय सचिव, सरस्वती ग्राम शिक्षा समिति छ.ग.) माननीय शांताराम सराफ (सामाजिक कार्यकर्ता एवं मार्गदर्शक), श्रीमती श्यामकुवर वर्मा (सरपंच, ग्राम पंचायत चंद्रखुरी ) श्रीमती मीना अग्रवाल (उपसरपंच ,ग्राम पंचायत चंद्रखुरी) आदि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान सांसद अरूण साव ने सांसद निधि से 5 लाख रुपए कक्षा निर्माण हेतु देने की घोषणा की वहीं ग्राम झुलना की श्रीमती सुभद्रा पाण्डेय (पूर्व प्रोफेसर, संस्कृत, जबलपुर एवं रायपुर विश्वविद्यालय ) ने 25 हजार रुपए कक्षा निर्माण हेतु दान के रूप में देने की घोषणा की।


कार्यक्रम में सरस्वती शिक्षा संस्थान से गौरीशंकर कटकवार (प्रांत प्रमुख,) अखिल भारतीय पदाधिकारी, सरस्वती ग्राम शिक्षा समिति,मुंगेली, बिलासपुर के अध्यक्ष,सचिव, सदस्य, जिला समन्वयक, पथरिया जनपद के अध्यक्ष ,उपाध्यक्ष प्रतिनिधि, सांसद प्रतिनिधि,सरगांव एवं पथरिया मंडल से मंडल अध्यक्ष एवम पदाधिकारी गण, ग्राम चंद्रखुरी के सचिव,पंचगण, सरस्वती शिशु मंदिर सरगांव, भाटापारा,पथरिया, मारो ,बदरा, अमसेना विद्यालय के अध्यक्ष, व्यवस्थापक, प्राचार्य, प्रधानाचार्य, आचार्य स्थानीय समिति के अध्यक्ष भोजराम वर्मा, उपाध्यक्ष मनीष मिश्रा सचिव मनीष अग्रवाल कोषाध्यक्ष रामधुन साहू एवम सदस्य शंकरलाल अग्रवाल, अजय भारती बुधारू निषाद, चंद्रिका वर्मा, श्रीमती सुभद्रा पांडे, विद्यालय के आचार्य, आचार्या, भैया-बहन,एवं बड़ी संख्या में आसपास के ग्रामीण, पालकगण उपस्थित रहे।

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