बिलासपुर

BREAKING : सरकण्डा पुलिस की आरोपियों पर ऐसी मेहरबानी क्यों.. सीसीटीवी में दिख रहे साढ़े तीन फीट के हथियार को हंसिया कह रही है पुलिस…..! सीसीटीवी फुटेज लेने से,भी इंकार कर रहे थाने वाले…एसएसपी को पीड़ितों का ज्ञापन, न्याय का गुहार..!

(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर – सरकंडा पुलिस का तिलिस्म वाकई निराला है। आरोपियों पर मेहरबानियों के सरकंडा थाने के किस्से अरपापार सभी की लोगों की जुबान पर हैं। इस थाने में कैसा कमाल होता है..? इसकी एक बानगी पेश है। लिंगियाडीह पुरानी बस्ती में रहने वाले श्री सरदारी लाल कश्यप सरकंडा पुलिस की आंखों में हुई (सच ना देख पाने वाली) इस अनोखी मोतियाबिंद के कारण अन्याय झेल रहे हैं। सरदारी लाल कश्यप के द्वारा इस मामले में एसएसपी श्रीमती पारुल माथुर को ज्ञापन देकर पूरे तथ्यों की जानकारी देते हुए उनसे न्याय की गुहार की है।

एसएसपी को दिए इस ज्ञापन के अनुसार 1 माह पूर्व 8 अगस्त को सरदारी लाल कश्यप के पड़ोस में रहने वाले भीम कश्यप, सुरेश कश्यप और अनिल कश्यप तथा भीम कश्यप की पत्नी रेखा उर्फ बिट्टी कश्यप ने इनके घर में घुसकर सरदारी लाल कश्यप और उनकी (सरदारी लाल कश्यप की ) पत्नी तथा पुत्र के साथ बुरी तरह मारपीट की। इस बाबत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दिए गए ज्ञापन में उन्होंने बताया कि आरोपी अपने घर से एक के बाद एक उनके (सरदारी लाल कश्यप के)घर में घुसे और पहले घर के भीतर उनसे मारपीट की। फिर सरदारी लाल कश्यप की पत्नी को घर के भीतर से खींच कर अपने घर तक ले गए और वहां उनसे मारपीट की। आरोपियों का तांडव लगभग 15 से 20 मिनट या और भी अधिक समय तक चलता रहा। आरोपी भीम कश्यप, सुरेश कश्यप, अनिल कश्यप और भीम कश्यप की पत्नी रेखा उर्फ बिट्टी कश्यप के बार-बार‌ प्रार्थी सरदारी लाल कश्यप घर में घुसने और उनकी पत्नी को खींचते हुए घर से बाहर लाने और 3:30 फीट से ज्यादा लंबा हथियार लेकर डराने धमकाने की सचाई सीसीटीवी फुटेज में कैद हो चुकी है।

(सीसीटीवी फुटेज और तस्वीर साथ में है) सरकंडा पुलिस की मेहरबानी आरोपियों पर इसके कुछ देर बाद ही तब शुरू हो गई जब 9 अगस्त को मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने सरदारी लाल कश्यप सरकंडा थाने पहुंचे। उस दिन सरकंडा पुलिस ने उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की। और विडंबना यह कि उसके एक दिन बाद अर्थात 10 अगस्त को उल्टे आरोपियों की ओर से रिपोर्ट दर्ज करते हुए प्रार्थियों को ही आरोपी बनाने की कोशिश की गई। और दिखाने के लिए इसके 1 दिन बाद 11 अगस्त को पीड़ित परिवार की रिपोर्ट दर्ज की गई। इसमें भी आरोपियों के द्वारा 3:30 फीट लंबे हथियार (जो सीसीटीवी में दिख रहा है), घर में घुसकर प्रार्थी की पत्नी को खींच कर बाहर लाने और मारपीट करने सरीखे गंभीर अपराधों को अलवा-जलवा धाराओं में हल्का बनाकर आरोपियों के प्रति अपनी मेहरबानियों का प्रदर्शन किया गया है।

सीसीटीवी फुटेज

इस घटना में आरोपियों के द्वारा श्री सरदारी लाल कश्यप और उनके परिवार के साथ जिस बुरी तरह मारपीट की गई उसके कारण श्री सरदारी लाल कश्यप को 11 अगस्त की रात से 13 अगस्त तक सिम्स में और उसके बाद 14 अगस्त की रात से 23 अगस्त की रात तक अपोलो अस्पताल में दाखिल होना पड़ा। जिसमें से 4 दिन सरदारी लाल कश्यप आईसीयू में रहे। इन सभी बातों के प्रमाण पीड़ित सरदारी लाल कश्यप के पास में है। जिसे उन्होंने एसएसपी को दिए ज्ञापन में भी संलग्न किया है।

हमारी गुजारिश है कि इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को दो तरह की जांच करनी चाहिए। पहला तो यह कि इस मामले की सच्चाई क्या है…? घटना के प्रमाण और सीसीटीवी फुटेज की तस्वीरें क्या बता रही है..? और दूसरा यह कि इसने तमाम सबूत और प्रमाण होने के बावजूद सरकंडा पुलिस आरोपियों को क्यों अपनी मेहरबानी से संरक्षण दिलाने का प्रयास कर रही है।

सीसीटीवी फुटेज

बिलासपुर में जहां पुलिस महानिरीक्षक श्री रतनलाल डांगी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्रीमती पारुल माथुर आम जनता के बीच पुलिस की अच्छी छवि बनाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत हैं। ऐसे में उनके अधीनस्थ एक थाने में गंभीर रूप से घर में घुसने, बुरी तरह मारपीट करने और हथियार लेकर डराने धमकाने सरीखी वारदात करने वालों को सरकण्डा पुलिस का आखिरकार क्यों और किस वजह से अभय दान दे रही है।

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