सशिमं भावी पीढ़ी को अपने इतिहास पुरुषों व देश के अतीत के गौरव से जोड़ने का काम कर रहा है : पुरोहित
महासमुंद – भारतीय स्वातंत्र्य संग्राम में क्रांति की अलख जगाकर शहीद हुए सरदार भगत सिंह (शहीद-ए-आजम) की जयंती पर बागबाहरा (ज़िला महासमुंद, छत्तीसगढ़) स्थित सरस्वती शिशु मंदिर उ.मा. विद्यालय में एक कार्यक्रम रखकर उनका पुण्य स्मरण कर उनके प्रति अपनी भावांजलि अर्पित की गई।
इस मौक़े पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सरस्वती शिक्षा संस्थान, छत्तीसगढ़ के ज़िला प्रतिनिधि विद्यालय संचालन समिति के सदस्य अनिल पुरोहित और अध्यक्ष विद्यालय के प्राचार्य तथा नशामुक्ति अभियान के प्रभारी प्रदेश प्रभारी शहीद भगतसिंह ब्रिगेड, छत्तीसगढ़ के राजेंद्र कुमार पाण्डेय थे। दीप प्रज्जवलन और भारत माता, ओम, माँ सरस्वती तथा शहीद भगत सिंह के चित्र के पूजनादि के पश्चात विद्यार्थियों ने शहीद भगतसिंह के जीवन-वृत्त पर अपने विचार रखे।
प्राचार्य राजेन्द्र कुमार पाण्डेय ने कार्यक्रम अध्यक्ष के नाते प्रास्ताविक भाषण देते हुए शहीद भगत सिंह सहित भारतीय स्वाधीनता संग्राम के क्रांतिकारियों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। मुख्य अतिथि श्री पुरोहित ने शहीदों को पुण्य-स्मरण के कार्यक्रमों की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इससे शहीदों के संघर्ष, उनके बलिदान से भावी पीढ़ियों को प्रेरणा मिलती है और राष्ट्र के इतिहास को उसके सही परिप्रेक्ष्य में जानने का अवसर मिलता है। अपने आध्यात्मिक संत-महात्माओं व राजनीतिक व सामाजिक क्षेत्र में आदर्श की स्थापना कर सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की अलख जगाने वाले अपने राष्ट्र-पुरुषों का स्मरण कर उनके जीवनादर्शों को आत्मसात करना ऐसे आयोजनों को सार्थकता तो प्रदान करता ही है, साथ ही राष्ट्र की सेवा के संकल्प को प्रखरता मिलती है। ऐसे आयोजन की परिकल्पना कर विद्या भारती के तत्वावधान में सशिमं भावी पीढ़ी को अपने इतिहास पुरुषों के साथ ही देश के अतीत के गौरव से जोड़ने का काम कर रहा है। कार्यक्रम का संचालन व अंत में आभार प्रदर्शन आचार्य संजय बर्वे ने किया।