स्कूल भवन के गिरते दरों दिवार के साये में ज़िन्दगी तलाश रहे स्कूली छात्र छात्राएं
(मुन्ना पाण्डेय) : लखनपुर (सरगुजा) : शासन प्रशासन द्वारा योजना बना शासकीय राशि खर्च कर शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने हर संभव प्रयास किया जा रहा है। लेकिन शिक्षा स्तर को ऊंचा उठाने का फार्मूला गलत साबित हो रहा है दरअसल शासन के योजना का कारगर नतीजा सामने नहीं आ रहा है ।
विभागीय योजना भ्रष्ट नीतियो का शिकार हो रही है। इसी फेहरिस्त में राष्ट्र के भविष्य कहे जाने वाले छात्र छात्राओं के साथ छल हो रहा है विद्या के मंदिर कहे जाने वाले स्कूल भवनों का घटिया निर्माण कराया जाकर निर्माण कार्य को कमाने का जरिया बना लिया गया है।
इसका जीता जागता सबूत है ग्राम पंचायत अमगसी का हाई स्कूल भवन जहां गिरती दरो दिवार छत और उखड़े फर्स के बीच जान जोखिम में डाल स्कूली छात्र छात्राएं तालीम हासिल कर रहे हैं। संस्था कर्मीयों ने जानकारी देते हुए बताया कि यह स्कूल भवन पीडब्ल्यूडी के निगरानी में ठेकेदार द्वारा तकरीबन चार साल पहले बनाया गया था।
आज सूरते हाल ये है कि अंदाजन 50-60 लाख लागत से बनने वाला यह स्कूल भवन पुराना सा बेहद जर्जर उजाड़ बदहाल इन चंद सालों में ही नज़र आने लगा लगा है। भवन के छत चटककर गिरने लगे हैं तथा दिवारो में दरार आ जाने तथा भवन के शीर्ष तल के सीढ़ी रूम में लगाये गये सीमेट सीट के टुट कर बिखर जाने कारण खतरनाक हो गया है। चारों ओर से भवन का नजारा अजीब है। लाखों के लागत से बनने वाला स्कुल भवन अपने जर्जर हालत पर आंसू बहा रहा है ।
भवन निर्माण में शासकीय राशि के बंदरबांट किये जाने का खुद गवाही दे रहा है। स्कूली छात्र छात्राएं जान हथेली में रख कर चुनौतीपूर्ण तरीके से अपना पढ़ाई कर रहे हैं। क्षेत्र में ऐसे कितने शिक्षा विभाग द्वारा बनाया गया शासकीय भवन होगे जो कमीशनखोरी एवं भ्रष्टाचारी के भेंट चढ़ चुके हैं।
बहरहाल यदि इन भवनों की निष्पक्ष सुक्ष्म जांच हो तों सच्चाई खुद ब खुद खुल कर सामने आ जायेगा। अमगसी हाई स्कूल भवन का नजारा सरस्वती सायकल वितरण के समय जनप्रतिनिधियों ने भी देखा है। भवन ठेकेदार तथा विभागीय उच्चाधिकारियों के लूट नीति का जिदा मिशाल है। बहरहाल संस्था के कर्मचारियों ने निष्पक्ष जांच कराये जाने मंशा जाहिर किया है।