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चार धाम यात्रा में तीर्थ यात्रियों के सामने देवदूत बनकर खड़ें है SDRF के जवान, विषम चुनौतियों के बाद भी कर रही है….तीर्थ यात्रियों की सहायता



(शशि कोन्हेर) : उत्तराखंड में चारधाम यात्रा प्रारंभ हो चुकी है लेकिन बिगड़ रहे मौसम के बीच यहां जनजीवन अस्त व्यस्त है साथ ही बरसात और बर्फबारी और हिमखंड टूटने के चलते अनेक विसम चुनौतियां खड़ी है इस बीच लोग बाबा केदार और बदरीधाम के दर्शन के लिए आ रहे हैं लेकिन उनके दर्शन से पूर्व एसडीआरएफ के मुस्तैद जवान किसी देवदूत के रूप में खड़े होकर तीर्थयात्रियों की चुनौतीपूर्ण यात्रा को सरल और सहज बनाने में जुटे हैं ।


श्री केदारनाथजी मार्ग पर ग्लेशियर आने से अवरुद्ध हुआ है मार्गों को SDRF कड़ी मेहनत से खोलकर तीर्थयात्रियों की मदद रही है। चारधाम यात्रा के दृष्टिगत श्रद्धालुओं की सहज, सुगम व सुरक्षित यात्रा हेतु SDRF टीमें संवेदनशील स्थानों पर मुस्तेद है। यात्रा आरम्भ होने के उपरांत SDRF टीमों द्वारा जहां एक ओर अस्वस्थ, असक्षम, दिव्यांगों, बुजुर्गों, महिलाओं इत्यादि को सुगमतापूर्वक दर्शन कराने में सहयोग किया जा रहा है वही आवश्यक्तानुसार प्राथमिक उपचार भी उपलब्ध कराया जा रहा है।


श्रीकेदारनाथ मार्ग पर बीते गुरुवार को लिनचोली से आगे भैरव ग्लेशियर व कुबेर ग्लेशियर पर पहाड़ी से अत्यधिक बर्फ आने के कारण मार्ग अवरुद्ध हो गया था। मौके पर उपस्थित इंस्पेक्टर अनिरुद्ध भंडारी, SDRF के नेतृत्व में SDRF टीमों द्वारा सूझ बूझ व कार्यकुशलता से त्वरित कार्यवाही करते हुए फावड़े व बेल्चों की सहायता से अवरुद्ध मार्ग को खोलना आरम्भ किया। काफी देर की कड़ी मशक्कत के बाद बर्फ को काट- काटकर हटाया व श्रद्धालुओं के सुगमतापूर्वक आवागमन के लिए रास्ता खोल दिया गया।


SDRF द्वारा अपने पर्यवेक्षण में श्रद्धालुओं को सुरक्षित पार कराया जा रहा था कि इसी बीच पुनः ग्लेशियर आने से मार्ग दुबारा बाधित हो गया। SDRF टीमों द्वारा फिर से मोर्चा संभालते हुए युद्ध स्तर पर मार्ग को खोलने का कार्य किया जाने लगा। SDRF जवानों द्वारा अत्यधिक कर्मठता, जुझारूपन व समपर्ण का परिचय देते हुए अपने अथक प्रयासों से पुनः यात्रा मार्ग को खोल दिया गया।


SDRF टीम द्वारा आने वाले सभी श्रद्धालुओं को सतर्कतापूर्वक सुरक्षित मार्ग पार कराया गया। ग्लेशियर आने से पैदल मार्ग का सुरक्षा बैरियर क्षतिग्रस्त होने पर #SDRF द्वारा रस्सियों से वैकल्पिक बैरियर बनाकर यात्रियों को सुरक्षा प्रदान की गई। चूँकि यात्री रात के अंधेरे में भी लगातार आ रहे थे तो SDRF द्वारा रात भर मौक़े पर तैनात रहकर रास्ते से बर्फ को हटाया व लगभग 10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को सुरक्षित मार्ग पार कराया गया।

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