छत्तीसगढ़

देखें VIDEO और तस्वीरें- जंगली हाथियों का दल बिलासपुर जिले की सरहद पर पोंडी दलहा पहुंचा, सीपत गुडी की ओर आने की आशंका

(शशि कोन्हेर के साथ सीता टण्डन) : बिलासपुर। 12 से भी अधिक हाथियों का एक दल जंगल से भटकते भटकते बिलासपुर जिले से लगे जांजगीर चांपा के पोड़ी दलहा पहुंच चुका है। हाथियों के इस दल को कल  नेशनल हाईवे   के पास लटिया पकरिया के पास फिर अमोरा और रात में के एस के पावर प्लांट नरियरा में देखा गया है। इसके तुरंत बाद वन विभाग के लोगों को सूचना दे दी गई है।

लेकिन उनके द्वारा आने में लेटलतीफी के कारण हाथियों का दल उनकी नजरों से दूर हो चुका है। ऐसा बताया जा रहा है कि पहले इस दल में 15  से 17 जंगली हाथी एक साथ थे लेकिन मुश्किल यह है कि उनमें से पांच या छह हाथी दल से अलग होकर बिछड़ गए हैं। दल से बिछड़ने वाले ऐसे हाथियों को लोनर कहा जाता है। उन्हें अधिक खतरनाक माना जाता है। इनमें से छह हाथियों का कोई अता-पता नहीं चल रहा है। जैसी जानकारी मिली है ।

हाथियों का यह दल सक्ति बाराद्वार जैजैपुर से होते हुए कल रविवार को सुबह अकलतरा और कोटमीसोनार तक पहुंचा और वहां से क्रोकोडाइल पार्क होते हुए रेल लाइन पार कर खेतों से निकलकर पोड़ी दलहा  मधुआ गांव में देखा गया है।

वन विभाग के लोग हाथियों के इस दल को किसी तरह बिलासपुर के जंगलों की ओर ले जाने का प्रयास करने का विचार कर रहे हैं लेकिन अभी तक उन्हें हाथियों के इन दोनों दलों का कोई अता-पता नहीं लगा है।

जानकारों का कहना यह है कि वे बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हाथियों के यह दोनों दल बिलासपुर की ओर भी आ सकते हैं। यह दल बहुत खतरनाक है और इस दल में शामिल एक हाथी ने 2 दिन पहले जैजैपुर में परेशान कर रही भीड़ को दौड़ाकर एक बच्चे को कुचलकर उसकी जान ले चुका है। इस दल के द्वारा अब तक तीन लोगों को मार डाला जा चुका है । वन विभाग से इस पूरे मामले की पुष्टि करने का प्रयास किया जा रहा है।

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