बिलासपुर

देखिए VIDEO फोटो : “मंच की शहादत” ने बिलासपुर कांग्रेस की ” मशाल रैली” को पूरे देश में जोरदार प्रसिद्ध, चर्चित और यादगार बना दिया..

(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। कल रविवार की शाम गांधी चौक से निकली कांग्रेस की विशाल मशाल रैली काफी भव्य और जोश खरोश से भरी हुई थी। इस रैली में कांग्रेस के तमाम नए पुराने कार्यकर्ता और पदाधिकारी बड़ी संख्या में शामिल हुए थे। (देखें तस्वीरें) लेकिन रैली के आयोजकों को इस बात का अफसोस रहा कि मीडिया और देश भर में इस सफल रैली में उमड़ी भीड़ की चर्चा कम हुई। और देवकीनंदन चौक में मंच के टूटकर गिरने की खबर टापो-टापो वायरल हो गई। कुछ लोग टिप्पणी करते दिखे कि 20 लोगों के लिए बने मंच पर जब 60-70 लोग चढ गये।

तो उनके बोझ से परेशान मंच ने “खुदकुशी” कर ली। मजे में कुछ कांग्रेस के लोग ही यह भी कहते दिखे कि अगर मंच नहीं टूटता, तो बिलासपुर की यह मशाल रैली पूरे प्रदेश और देश में इतनी प्रसिद्ध नहीं हो पाती जितनी मंच के टूटने और उस पर चढ़े नेताओं के नीचे गिरने से हुई है। एक तरह से यह भी कहा जा सकता है कि देवकीनंदन चौक पर बने उस बेचारे ओवरलोड मंच ने, अपनी “शहादत” देकर बिलासपुर कांग्रेस की मशाल रैली को देश-प्रदेश में न केवल जमकर प्रसिद्ध किया वरन् यादगार भी बना दिया।

हालत यह थी कि प्रदेश और देश की मीडिया में कार्यरत लोग देर रात तक बिलासपुर के पत्रकारों से मंच के टूटकर गिरने की फोटो और वीडियो की मांग करते रहे। मंच के टूटकर गिरने से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और बिलासपुर के ग्रामीण तथा शहर जिला अध्यक्ष विजय पांडे और विजय केशरवानी, पत्रकार अखिल वर्मा कांग्रेस नेता आशीष सिंह ठाकुर व शहर विधायक शैलेश पांडे समेत मंच पर सवार दर्जनों कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता नीचे सड़क पर जा गिरे। और , मंच के इस तरह एकाएक टूटने और नेताओं सहित नीचे गिरने के कारण ही कुछ ही क्षणों बाद यह रैली पूरे देश में प्रसिद्ध हो गई। अगर वह हादसा नहीं होता तो बिलासपुर की मशाल रैली का उतना जिक्र और चर्चा कभी नहीं हुआ होता जितना कल रात से अभी तक हो रहा है। मतलब कुल मिलाकर टूटकर गिरने वाले मंच ने अपनी “शहादत” देकर बिलासपुर कांग्रेस की इस रैली को ना केवल प्रदेश फौरन पूरे देश में प्रसिद्ध चर्चित और यादगार बना दिया।

थैंक्यू स्टेज… कायदे से बिलासपुर कांग्रेस को इस तरह एकाएक टूट कर शहादत देने वाले मंच को बदनाम करने की बजाय उसे विधिवत एक प्रस्ताव पास कर “धन्यवाद” और श्रध्दांजलि देनी चाहिए। क्योंकि उसने अपनी शहादत देकर कांग्रेस की मशाल रैली को पूरे देश में चर्चित के साथ-साथ यादगार भी बना दिया।

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