शरद पवार ने ही सिखाया था तख्तापलट करना, वही फसल काट रहे जो बोई थी: राज ठाकरे
(शशि कोन्हेर) : महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने बुधवार को कहा कि पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र में जो राजनीतिक घटनाक्रम घटित हो रहा है वह काफी “घृणित” और मतदाताओं का “भयानक अपमान” है। उन्होंने यह भी कहा कि यह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ही थे।
जिन्होंने महाराष्ट्र को ‘राजनीतिक तख्तापलट’ की अवधारणा से परिचित कराया था। उन्होंने कहा कि शरद पवार ने ही तख्तापलट करना सिखाया था अब वे खुद वही फसल काट रहे जो उन्होंने बोई थी।
राज ठाकरे ने मंगलवार को पुणे के प्रभात रोड इलाके में अपने आवास का दौरा करते हुए उन्होंने कहा, “राज्य में जो हुआ वह बेहद घृणित है… यह महाराष्ट्र के मतदाताओं के अपमान के अलावा और कुछ नहीं है। अगर कोई इस पर जनता की राय ले तो प्रदेश के हर घर में आपको गालियां सुनने को मिलेंगी। यह मतदाताओं का भयानक अपमान है…
अब कोई भी निश्चित नहीं हो सकता कि कौन किस पार्टी में है। यह महाराष्ट्र में एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।” मनसे प्रमुख की यह टिप्पणी अजित पवार और आठ राकांपा विधायकों के रविवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होने के दो दिन बाद आई है।
राज ठाकरे ने दोहराया कि चीजें अभी तक स्पष्ट नहीं हैं कि इन घटनाक्रमों के पीछे कौन था। उन्होंने कहा कि उन्हें आश्चर्य नहीं होगा अगर बाद में यह पता चला कि सीनियर पवार इस खेल का हिस्सा थे। उन्होंने कहा, मनसे प्रमुख ने कहा, “महाराष्ट्र में इन सब चीजों की शुरुआत शरद पवार ने की।
उन्होंने पहली बार 1978 में ‘पुलोद’ (पुरोगामी लोकशाही दल) सरकार का प्रयोग किया था। महाराष्ट्र ने पहले कभी ऐसे राजनीतिक परिदृश्य नहीं देखे थे। ये सारी चीजों पवार से शुरू हुईं और पवार पर ही खत्म हो गईं।” 1978 में, शरद पवार ने महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने के लिए कांग्रेसी वसंतदादा पाटिल की सरकार को गिरा दिया था।
राज ठाकरे ने कहा, “मुझे लगता है कि बागियों में से कुछ लोग (प्रफुल्ल पटेल, दिलीप वालसे पाटिल, छगन भुजबल) उस तरह के लोग नहीं हैं जो अजीत पवार को फॉलो करेंगे। इसलिए इन तीनों लोगों की हरकतें मुझे संदिग्ध लगती हैं। साथ ही कुछ दिन पहले अजित पवार ने कहा था कि वे सभी होर्डिंग्स पर शरद पवार की फोटो लगाएंगे। ये समझ से परे है। इसलिए, मैंने कहा कि मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर भविष्य में सुप्रिया सुले केंद्रीय मंत्री बनें।”