मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से झटका, जमानत याचिका हुई खारिज
मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ा झटका लगा है। शराब घोटाले में गिरफ्तार किए गए आम आदमी पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका सर्वोच्च अदालत ने खारिज कर दी है। सुनवाई पूरी करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को इस साल फरवरी के अंत में गिरफ्तार किया गया था।
जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएल भट्टी की पीठ ने सीबीआई और ईडी दोनों ही केस में सिसोदिया की अर्जी खारिज कर दी। सबसे बड़ी अदालत ने सिसोदिया को जमानत भले ही नहीं दी, लेकिन जांच एजेसियों को जल्दी ट्रायल पूरा करने को कहा है। कोर्ट ने सीबीआई और ईडी की इस दलील को स्वीकार किया का ट्रायल 6-8 महीने में पूरा हो सकता है। कोर्ट ने कहा कि यदि ट्रायल धीमी गति से चला तो सिसोदिया दोबारा जमानत याचिका दाखिल कर सकते हैं।
इससे पहले विशेष अदालत और हाई कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था। हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुना और कई सावल भी किए। मनीष सिसोदिया की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सिसोदिया को निर्दोष बताते हुए कहा कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। वहीं, जांच एजेंसियों की ओर से अडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कई दलीलें रखते हुए सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया।
सीबीआई और ईडी का दावा है कि दिल्ली आबकारी नीति के जरिए शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाया गया और बदले में रिश्वत ली गई। हालांकि, दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है। केजरीवाल सरकार का कहना है कि भाजपा और केंद्र सरकार राजनीतिक कारणों से उसके नेताओं को झूठे मुकदमों में फंसाने में जुटी है। हाल ही में आप के एक अन्य बड़े नेता संजय सिंह को भी ईडी ने इसी केस में गिरफ्तार किया है।