संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में चौंकाने वाली घटना, सीट के नीचे थी लाश, ऊपर बैठे थे यात्री; दहशत के बीच 600 KM का सफर
संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में चौंकाने वाली घटना, सीट के नीचे थी लाश, ऊपर बैठे थे यात्री; दहशत के बीच 600 KM का सफर
तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में टाइल्स लगाने का काम करने वाले कमासिन के लखनपुर निवासी रामजीत दिवाली पर अपने परिवार के पास आने के लिए संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से झांसी के लिए रविवार को चले थे। साथ में साढ़ू भी आ रहे थे। रास्ते में अचानक तबीयत बिगड़ गई। स्टेशनों पर साढ़ू मदद के लिए गुहार लगाते रहे, लेकिन कहीं भी मदद नहीं मिली और रामजीत ने तम तोड़ दिया। शव नीचे नहीं उतारे जाने के बाद सीट के नीचे रख दिया गया और करीब 600 किलोमीटर तक अन्य यात्री सहमी हालत में सफर करते रहे। झांसी पहुंचने पर जब यात्रियों ने हंगामा किया, तब जीआरपी व आरपीएफ ने पहुंचकर शव को उतार पोस्टमार्टम के लिए भेजा। मंगलवार देर शाम शव को गांव लाया गया तो चीख-पुकार मच गई। पर्व के मौके पर मातम पसर गया।
कमासिन के लखनपुर गांव निवासी भैया लाल यादव का 36 वर्षीय पुत्र रामजीत टाइल्स लगाने का काम करता था। एक माह पहले तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली गया था। अपने साढ़ू कमासिन के स्योहट गांव निवासी गोवर्धन के साथ रविवार को घर आने के लिए संपर्क क्रांति के जनरल कोच में झांसी के लिए बैठे थे। रविवार की रात ट्रेन के नागपुर पहुंचने पर रामजीत के सिर में अचानक दर्द होने लगा और गिर गए। साढ़ू व यात्रियों ने जब उठाने का प्रयास किया, तो वह दम तोड़ चुके थे। कोच में सवार महिलाओं व बच्चों में दहशत फैल गई और वह सहम गए। गोवर्धन ने मदद की आस में रेलवे के हेल्पलाइन नंबर पर फोन भी किया, लेकिन फोन नहीं लगा।
भोपाल में भी नहीं हुई सुनवाई, शव रखा सीट के नीचे
ट्रेन के सुबह भोपाल पहुंचने पर प्लेटफार्म पर मौजूद स्टाफ से अन्य यात्रियों ने शव उतारने को कहा, लेकिन किसी ने सहायता नहीं की और पांच मिनट बाद ट्रेन चल दी। गुस्साए यात्रियों ने हंगामा शुरू कर दिया, ट्रेन स्टाफ ने झांसी कंट्रोल को सूचना दी। सोमवार की दोपहर ट्रेन के झांसी पहुंचने पर डिप्टी एसएस एसके नरवरिया, जीआरपी व आरपीएफ ने पहुंच शव को उतार पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
पत्नी से हुई थी मोबाइल फोन पर बात, लौटने का था इंतजार
पति की मौत की खबर सुनते ही पत्नी रानी देवी अचेत हो गईं। होश आने पर बताया कि मोबाइल फोन पर बात हुई थी। बताया था कि दो-तीन दिन से बुखार आ रहा है और सिर में दर्द है। तबीयत ठीक नहीं है। जिसके बाद पर्व पर आने को कहा था। बड़ी बेटी 12 वर्षीय गौरा, पांच वर्षीय बेटे रावेंद्र व तीन वर्षीय रवि के सिर से पिता का साया उठ गया। मां चुन्नी बदहवास हो गईं।
साथ आ रहे साढ़ू गोवर्धन ने बताया कि करीब एक माह पहले ही काम करने गया था। बुधवार को बुखार आना शुरू हुआ था। रास्ते में तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर रेलवे के हेल्प लाइन नंबर 139 पर कई बार फोन किया था, लेकिन वह नहीं उठा। बाद में इटारसी के पास पलट कर फोन कर आया तो बताया कि ऐसी घटना हो गई है। पूछा गया कि किस बोगी में हैं, तो बताया कि इंजन के पीछे वाली में हैं। एक डॉक्टर व जीआरपी आई थी और देखकर लौट गई।
पीआरओ झांसी मंडल मनोज सिंह ने कहा कि एक यात्री के संपर्क क्रांति में सफर के दौरान मौत होने की सूचना मिलने पर जीआरपी व आरपीएफ ने मौके पर पहुंच ट्रेन से शव को उतार पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। मौत का कारण नहीं पता चल सका है। इसकी जानकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर पता चल सकेगी।