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सोशल मीडिया कंपनियों को मानना होगा भारत का कानून, तय समय में आपत्तिजनक पोस्ट को हटाना होगा; अधिसूचना जारी

(शशि कोन्हेर) : फेसबुक, ट्विटर जैसे सोशल मीडिया इंटरमीडिएरीज पर सरकार और सख्ती बढ़ाने जा रही है और इस दिशा में शुक्रवार की देर शाम अधिसूचना जारी की गई। अधिसूचना की सबसे प्रमुख बात है कि इंटरमीडिएरीज की तरफ से शिकायत निपटान से असंतुष्ट यूजर्स सरकार की तरफ से गठित शिकायत अपीलीय समिति में अपनी शिकायत को लेकर जा सकेंगे।

अधिसूचना के मुताबिक अगले 90 दिनों में अपीलीय समिति का गठन कर दिया जाएगा। अधिसूचना जारी होने के बाद दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट किया, ‘उपयोगकर्ताओं को सशक्त बनाना। गोपनीयता नीति और मध्यस्थ की उपयोगकर्ता समझौतों को आठ अनुसूची भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा।’

30 दिनों के भीतर अपील कर सकेंगे यूजर्स
इंटरमीडिएयरीज के शिकायत अधिकारी के फैसले से असंतुष्ट कोई भी भी व्यक्ति 30 दिनों के भीतर शिकायत अपीलीय समिति में अपील कर सकेंगे। अपीलीय समिति आनलाइन विवाद समाधान तंत्र अपनाएगी और सुनवाई की पूरी प्रक्रिया डिजिटल मोड में संचालित की जाएगी।

सोशल मीडिया के संशोधित आचार संहिता नियम के मुताबिक इंटरमीडिएरीज के शिकायत अधिकारी को शिकायत प्राप्त होने के 24 घंटे के भीतर शिकायत की पावती देनी होगी और शिकायत प्राप्त होने की तारीख से 15 दिनों के भीतर शिकायत का निवारण करना होगा। लेकिन गंभीर प्रकार की शिकायत का निपटान 72 घंटों के भीतर करना होगा।

गलत कंटेट पर समिति की पैनी नजर
संशोधित नियम के मुताबिक अश्लील कंटेंट, बच्चों के लिए नुकसानदायक, धर्म, जाति के रूप से आपत्तिजनक, जुए को प्रोत्साहित करने वाले, हिंसा भड़काने के उद्देश्य से पोस्ट किए जाने वाले कंटेंट, पेटेंट, व्यापार चिह्न, व अन्य अधिकारों का अति उल्लंघन करने व कंटेंट, देश की एकता, अखंडता, रक्षा व संप्रभुता जैसे कंटेंट को प्लेटफार्म से तुरंत या अधिकतम 72 घंटों के भीतर हटाना होगा। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे कंटेंट उनके प्लेटफार्म पर नहीं आए।

आइटी नियमों में किया गया बदलाव
सबसे बड़ी बात है कि नए नियम के तहत इंटरमीडिएरीज को अपने यूजर्स को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची के तहत दी गई भाषा में अपने नियम व नीति की जानकारी देने की व्यवस्था करनी होगी। साल में कम से कम एक बार अपने यूजर्स को अंग्रेजी या भारतीय संविधान के मुताबिक यूजर्स की पसंद की भाषा में नियमों व अन्य गोपनीयता नीति को सूचित करना होगा।

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