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संसद का विशेष सत्र आज से होगा शुरू, 5 दिन-8 बिल और नए भवन में एंट्री भी

(शशि कोन्हेर) : संसद के पांच दिवसीय सत्र की शुरुआत सोमवार से होगी। नए सत्र के शुरू होने से पहले इस बात को लेकर चर्चा जोरों पर है कि क्या सरकार इस दौरान कुछ चौंकाने वाली चीजें पेश करेगी। सत्र में संसद के 75 साल के सफर पर चर्चा होगी और संसद को नए भवन में स्थानांतरित किया जाएगा।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सत्र के दौरान कुल 8 विधेयकों को चर्चा और पारित कराने के लिए सत्र में सूचीबद्ध किया गया है। रविवार को सर्वदलीय बैठक में सदन के नेताओं को सूचित किया गया कि वरिष्ठ नागरिकों से जुड़े एक विधेयक व अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आदेश से संबंधित 3 विधेयकों को एजेंडे में जोड़ा गया है।

पहले सूचीबद्ध किए गए विधेयकों में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति संबंधी विधेयक भी शामिल था। किसी भी संभावित नए विधेयक पर कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है। हालांकि, भाजपा समेत अन्य दलों के बीच यह चर्चा है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने वाला विधेयक भी पेश किया जा सकता है।

विभिन्न दलों की पांच दिवसीय सत्र में महिला आरक्षण विधेयक पेश किए जाने की मांग पर सरकार के रुख के बारे में जोशी ने कहा कि उपयुक्त समय पर इस संबंध में फैसला लिया जाएगा। उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने रविवार सुबह नए संसद भवन के गज द्वार पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। जोशी ने कहा कि सेंट्रल हॉल में एक समारोह के बाद मौजूदा संसद को नए भवन में स्थानांतरित किया जाएगा।

संसद की समृद्ध विरासत को किया जाएगा याद
लोकसभा के बुलेटिन के अनुसार, समारोह में भारतीय संसद की समृद्ध विरासत को याद किया जाएगा। भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया जाएगा। नए संसद भवन में सरकार के विधायी कामकाज 20 सितंबर से शुरू होंगे। लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्यों को मंगलवार सुबह सामूहिक तस्वीर खिंचवाने के लिए बुलाया गया है।

लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, सभी सांसदों को मंगलवार सुबह साढ़े 9 बजे सामूहिक तस्वीर खिंचवाने के लिए बुलाया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि सामूहिक तस्वीर के लिए पुरानी इमारत के भीतरी प्रांगण में व्यवस्था की गई है। सांसदों को नए संसद भवन में प्रवेश के लिए नए पहचान पत्र भी जारी किए गए हैं।

सोमवार से शुरू हो रहे सत्र को बुलाए जाने के असामान्य समय ने सभी को हैरत में डाला है। हालांकि, सत्र के लिए सूचीबद्ध एजेंडे का एक मुख्य विषय संविधान सभा से शुरू हुई संसद की 75 वर्ष की यात्रा पर विशेष चर्चा है। सरकार ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के प्रावधानों वाले विधेयक को भी सत्र में चर्चा व पारित कराने के लिए सूचीबद्ध किया है। यह विधेयक गत मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में पेश किया गया था।

सरकार को संसद में कुछ नए कानून या अन्य विषय पेश करने का विशेषाधिकार प्राप्त है, जो जरूरी नहीं है कि सूचीबद्ध एजेंडे का हिस्सा हो। किसी संभावित नए कानून पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन लोकसभा और राज्य विधानसभाओं जैसी निर्वाचित विधायिकाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने वाले विधेयक के बारे में चर्चा जोरों पर है।

संसद को नए भवन में शिफ्ट किए जाने की संभावना
सत्र को लेकर लगाए जा रहे कयास के बीच संसद को नए भवन में स्थानांतरित किए जाने की प्रबल संभावना है, जिसका उद्घाटन 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। संसद के विभिन्न विभागों के कर्मचारी भी नई यूनिफार्म में दिखाई पड़ सकते हैं। भारत की अध्यक्षता में राष्ट्रीय राजधानी में जी20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन ने मोदी की लोकप्रियता को और बढ़ा दिया है।

सत्र में चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष की ओर से इस तथ्य की तरफ प्रमुखता से ध्यान आकर्षित किया जा सकता है। संसद के कर्मचारियों के एक वर्ग के लिए फूल की आकृति वाले नए ‘ड्रेस कोड’ ने पहले ही एक राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस ने इसे सत्तारूढ़ पार्टी के चुनाव चिह्न कमल के फूल को प्रचारित करने की एक ‘सस्ती’ रणनीति करार दिया है।

सत्र की घोषणा करते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसे ‘विशेष सत्र’ बताया था, लेकिन सरकार ने बाद में स्पष्ट कर दिया था कि यह एक नियमित सत्र यानी मौजूदा लोकसभा का 13वां और राज्यसभा का 261वां सत्र है। आमतौर पर हर साल संसद का बजट, मानसून और शीतकालीन सत्र आयोजित किया जाता है। मानसून सत्र जुलाई-अगस्त में आयोजित किया गया था, जबकि शीतकालीन सत्र नवंबर-दिसंबर में होने वाला है। बजट सत्र हर वर्ष जनवरी के अंत से शुरू होता है।

दो सत्र के बीच 6 महीने से ज्यादा का अंतर नहीं हो सकता। फिलहाल, सरकार ने सत्र के पहले दिन संविधान सभा से लेकर संसद बनने की 75 साल की यात्रा पर विशेष चर्चा की योजना बनाई है। सत्र के दौरान ‘संविधान सभा से शुरू होने वाली 75 वर्ष की संसदीय यात्रा-उपलब्धियां, अनुभव, यादें और सीख’ पर चर्चा के अलावा, लोकसभा के लिए अन्य सूचीबद्ध कार्यों में अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक 2023, प्रेस और पत्र-पत्रिका पंजीकरण विधेयक 2023 शामिल हैं, जो तीन अगस्त 2023 को राज्यसभा में पहले ही पारित हो चुका है।

विपक्ष सरकार के एजेंडे पर उठा रहा सवाल
आधिकारिक बुलेटिन के अनुसार, डाकघर विधेयक 2023 को भी लोकसभा की कार्यवाही में सूचीबद्ध किया गया है। यह विधेयक 10 अगस्त 2023 को राज्यसभा में पेश किया गया था। कार्य सूची अस्थाई है और इसमें अधिक विषय जोड़े जा सकते हैं। जोशी ने 31 अगस्त को 18 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के 5 दिन के ‘विशेष सत्र’ की घोषणा करते हुए इसके लिए कोई विशिष्ट एजेंडा नहीं बताया था। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया था, ‘अमृत काल के बीच संसद में सार्थक चर्चा और बहस की उम्मीद है।’ एक्स पर संसद के विशेष सत्र के एजेंडे को साझा करते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा था, ‘जो एजेंडा सामने आया है, उसमें कुछ भी नहीं है। इन सबके लिए नवंबर में शीतकालीन सत्र तक प्रतीक्षा की जा सकती है। मुझे यकीन है कि विधायी हथगोले हमेशा की तरह आखिरी क्षण में फूटने के लिए तैयार हैं। परदे के पीछे कुछ और है।’

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