बिलासपुर

सेंट जेवियर्स के जबड़ापारा, सिरगिट्टी, उसलापुर व कोटा स्कूल फर्जी….एनएसयूआई अड़ी तो डीईओ ने फिर बनाई जांच कमेटी

बिलासपुर। सेंट जेवियर्स स्कूल प्रबंधन द्बारा सीबीएसई से एफिलेशन मिले बगैर चार स्कूल संचालित करने के मामले को लेकर अब एनएसयूआई ने मोर्चा खोल दिया है। एनएसयूआई के प्रदेश सचिव रंजेश सिंह का कहना है कि सेंट जेवियर्स प्रबंधन जबड़ापारा सरकंडा, सिरगिट्टी, उसलापुर और कोटा में फर्जी स्कूल चला रहा है। इन स्कूलों को सीबीएसई से अब तक मान्यता नहीं मिली है। इन स्कूलों को सिर्फ जिला शिक्षा विभाग से नर्सरी से 8वीं तक अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई करने की अनुमति मिली हुई है, जबकि यहां हाईस्कूल की कक्षाओं में स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया जा रहा है।

सोमवार दोपहर बाद एनएसयूआई के प्रदेश सचिव रंजेश सिंह के नेतृत्व में दो दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं ने डीईओ कार्यालय के सामने हल्ला बोल दिया। डीईओ टीआर साहू मामले को टालने के लिए आश्वासन का झुनझना थमा रहे थे, लेकिन एनएसयूआई नेता नहीं माने। वे चारों के स्कूलों के खिलाफ तत्काल जांच टीम गठित करने और जांच रिपोर्ट आते तक इन स्कूलों में हाईस्कूल की कक्षाओं में प्रवेश पर रोक लगाने की मांग पर अड़ गए। करीब तीन घंटे के प्रदर्शन के बाद अंतत: डीईओ साहू झुके और उन्होंने चारों स्कूलों की सीबीएसई मान्यता की जांच करने के लिए टीम गठित की। टीम गठित कर जांच का आदेश जारी करने संबंधी आदेश मिलने के बाद एनएसयूआई नेता व कार्यकताã शांत हुए। उन्होंने 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट नहीं मिलने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

बता दें कि ‘लोकस्वर’ ने अपने पिछले अंकों में सेंट जेवियर्स प्रबंधन द्बारा फर्जी तरीके से स्कूल संचालित करने का मुद्दा उठाया है। इस मामले में जांच टीम भी बनाई गई है, लेकिन अब तक जांच पूरी नहीं हुई है। ‘लोकस्वर’ द्बारा उठाए गए मुद्दे को परिणाम तक पहुंचाने के लिए अब एनएसयूआई ने मोर्चा खोल दिया है। एनएसयूआई के प्रदेश सचिव रंजेश सिह के नेतृत्व में सोमवार दोपहर 2 बजे डीईओ कार्यालय में जमकर हंगामा किया गया। ज्ञापन सौंपने के दौरान छात्रनेता पुष्पराज साहू,प्रदीप सिह, करन यादव,अखिलेश साहू,विन्नी विश्वकर्मा, मिट सोनवानी,अंशु महराज, हनी निषाद, धनेश्वर साहू, मानु ठाकुर, राजा विश्वकर्मा ,चंद्रेश बंजारे,सागर लहरे, लक्की साहू, अनुराग कुमार, श्याम कुमार व अन्य उपस्थित रहे।

पालकों को लूट रहा सेंट जेवियर्स प्रबंधन: रंजेश
एनएसयूआई के प्रदेश सचिव रंजेश सिंह ने डीईओ साहू को तीन बिंदुओं पर ज्ञापन दिया है। उन्होंने बताया है कि सीबीएसई बोर्ड ने जिले में सेंट जेवियर्स स्कूल संचालित करने के लिए सिर्फ दो स्थानों भरनी और व्यापार विहार में अनुमति दी है, लेकिन सेंट जेवियर्स स्कूल प्रबंधन द्बारा जबड़ापारा सरकंडा, उसलापुर, सिरगिट्टी और कोटा में फर्जी तरीके से सेंट जेवियर्स हाईस्कूल का संचालन किया जा रहा है, जहां वर्तमान में पालकों को धोखे में रखकर भारी संख्या में बच्चों को प्रवेश दिया जा रहा है। छात्र नेता रंजेश ने कहा कि इन चारों स्कूलों में स्टूडेंट्स के पालकों से मोटी फीस वसूली जा रही है। यहां हर साल एडमिशन फीस ली जाती है। इन चारों संस्थानों की आय व्यय का ब्यौरा छिपाया जा रहा है। इन स्कूलों में बोर्ड कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों को परीक्षा दिलाने के लिए भरनी स्थित मुख्य ब्रांच ले जाया जाता है। इन चारों जगहों पर जिला शिक्षा विभाग से सिर्फ नर्सरी से आठवीं तक स्कूल संचालित करने की अनुमति मिली हुई है, लेकिन इन स्थानों पर शिक्षा विभाग के नियम के अनुसार सुविधाएं तक नहीं है।

महामाया पब्लिक स्कूल से आरटीई के 443 बच्चे ड्रॉप आउट
एनएसयूआई के प्रदेश सचिव रंजेश ने बताया कि महामाया पब्लिक स्कूल रतनपुर में सत्र 2०22 एवं 23 में टोटल आरटीई के तहत अध्ययनरत 443 बच्चो ने ड्रॉप आउट किया है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि शहर स्थित प्रतिष्ठित किसी भी स्कूल में इतनी अधिक संख्या में आरटीआई के छात्र-छात्राएं नहीं है, फिर इस स्कूल में इतने आरटीआई के बच्चे कैसे अध्यनरत थे, इसकी जांच की जाए। आखिर दो साल के भीतर आरटीआई के तहत अध्यनरत बच्चों ने ही ड्रॉप आउट क्यों किया, यह जांच का विषय है। इससे यकीन होता है कि यहां सरकार के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है।

जब मान्यता एक जगह से तो पुस्तकें अलग-अलग क्यों
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा किजिले में संचालित सीबीएसई और सीजीबीएसई संस्थान द्बारा मान्यता प्राप्त लगभग सभी स्कूल संस्थान द्बारा अलग-अलग पब्लिकेशन की बुक का उपयोग किया जाता है, जिससे छात्र और पालक इन पुस्तकों को खरीदने के लिए बाध्य हो जाते हैं। ये बुक स्कूल या प्रबंधन द्बारा बताई गई शॉप से ही खरीदने की मजबूरी होती है। बुक्स की आड़ में स्कूल प्रबंधन द्बारा कमीशनखोरी की जाती है। एक जानकारी के अनुसार एनसीईआरटी प्रकाशन की कुछ क्लास की पुस्तकें महज 5०० रुपए में मिल जाती हैं, जबकि इसी क्लास की प्राइवेट प्रकाशन की पुस्तकों की कीमत 25०० से 3००० रुपए होती है। अगर सभी संस्थान को एक माध्यम से मान्यता मिली हुई है तो फिर यहां बुक्स अलग-अलग क्यों चलाई जा रही है। छात्रनेता रंजेश ने कहा कि सभी प्राइवेट स्कूलों में उन्हीं पुस्तकों को चलाया जाए, जो पुस्तकें मुख्यमंत्री डीएवी स्कूल और स्वामी आत्मानंद स्कूलों में चल रही है।

जांच नहीं करने पर उसलापुर प्राचार्य को नोटिस
एनएसयूआई नेता रंजेश सिह ने ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि पूर्व में भी सेंट जेवियर्स स्कूलों के खिलाफ शिकायत करने पर डीईओ ने दो दिनों के भीतर जांच कर उसलापुर प्राचार्य शकंुतला ठाकुर से रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन एक माह बाद भी जांच पूरी नहीं हुई है। जब रंजेश ने डीईओ साहू को भी फर्जी स्कूल संचालित करने में प्रश्रय देने का आरोप लगाया तो डीईओ ने आनन-फानन में उसलापुर प्राचार्य को नोटिस जारी कर पूछा है कि आखिर उन्होंने अब तक मामले की जांच क्यों नहीं की है।

कलेक्टर साहब… डीईओ की शह पर चल रहे फर्जी स्कूल
डीईओ कार्यालय का घेराव करने से पहले एनएसयूआई के प्रदेश सचिव रंजेश सिंह व सदस्य कलेक्टोरेट गए। वहां उन्होंने सेंट जेवियर्स प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। उस समय कलेक्टर अवनीश शरण कार्यालय में नहीं थी। अलबत्ता, एनएसयूआई नेताओं ने कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा है। मीडिया से चर्चा करते हुए एनएसयूआई के प्रदेश सचिव रंजेश ने कहा कि जिले में जितने भी फर्जी स्कूल चल रहे हैं, सभी को डीईओ साहू की सह प्राप्त है। यही वजह है कि डीईओ कागज में जांच का आदेश देते हैं, लेकिन हफ्तों गुजर जाने के बाद कोई रिपोर्ट नहीं आती है।

सहायक संचालक के नेतृत्व में जांच टीम गठित : एनएसयूआई नेता और कार्यकर्ताओं के हल्लाबोल आंदोलन से सहमे डीईओ साहू ने जिला शिक्षा विभाग के सहायक संचालक पी दासरथी के नेतृत्व में टीम गठित की। टीम को 15 दिनों के भीतर जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सेंट जेवियर्स स्कूलों के सभी प्राचार्यों को जांच में सहयोग करने कहा है। टीम में शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक स्कूल कोटा की प्राचार्य आशा दत्ता, शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल भरनी की प्राचार्य एमएस मिश्रा, उसलापुर की प्राचार्य शकुंतला ठाकुर और समग्र शिक्षा कार्यालय के एपीसी चंद्रभान सिंह ठाकुर शामिल हैं।

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