छत्तीसगढ़बिलासपुर

टॉर्च की लाइट में हुआ नसबंदी का ऑपरेशन,थोड़ी सी चूक ले सकती थी जान..

(आशीष मौर्य के साथ जयेंद्र गोले) : बिलासपुर : नसबंदी कांड तो आप सब को याद ही होगा,13 महिलाओं की मौत और ना जाने कितने बच्चों के सर से माँ का साया छीन गया। इस मामले में चिकित्सक, प्रबन्धन और कई लोगों पर गाज गिरी लेकिन गलत कौन था ये कोई नही जान सका।ताज़ा मामला जिला अस्पताल का है।

यहां भी नसबंदी का ऑपरेशन किया जा रहा है लेकिन बीच मे लाईट चली गई,ऐसे में होनहार चिकित्सक टॉर्च की लाईट में ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं।अब इस बीच थोड़ी सी भी चूक हो गयी तो जवाबदेही तय करना मुश्किल होगा ।

जिला अस्पताल के प्रबंधन और चिकित्सक दोनों ही सवालों के घेरे में है।क्योंकि जिला अस्पताल में 7 जनरेटर है जिनपर लाखों रुपए डीज़ल मेंटेनेंस में खर्च हो रहे हैं।लेकिन काम के वक़्त सब बन्द हो जाते है।क्यूंकि खर्च तो सिर्फ कागजों में होता है।जमीनी हकीकत तो कुछ और ही है।

जिला अस्पताल के इस नए मामले से ये तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रबंधन मरीजों की स्वास्थ्य के लिए कितनी गंभीरता से सोचता है।हाथो मे टॉर्च लिए यहाँ के डॉक्टर्स को अपनी आँखों पर पूरा भरोषा है, मगर मरीज डरा सहमा है.

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