‘दिन-रात चिपके रहते हैं छात्र, टैबलेट कर रहा बर्बाद’; हरियाणा सरकार से वापस लेने की मांग
(शशि कोन्हेर): हरियाणा सरकार की ओर से 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को बांटे गए मुफ्त टैबलेट पर कैथल के रोहेरा गांव के सरपंच ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ये टैबलेट छात्रों को बर्बाद कर रहे हैं और उनकी पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है। सरपंच ने सरकार से छात्रों के हित में इन टैबलेट्स को वापस लेने की मांग की है।
गांव के सरपंच ने कहा, ‘हमें उन स्टूडेंट्स के पेरेंट्स से शिकायतें मिली हैं जिन्हें ये मुफ्त टैबलेट दिए गए थे। हमने इस गंभीर मुद्दे पर पंचायत बुलाई थी। पंचायत ने सबकी सहमित से इन टैबलेट्स को तुरंत वापस लेने के लिए सरकार को लिखने का फैसला किया।’
दुनिया से बेहतर कनेक्टिविटी और ऑनलाइन स्टडी नेटवर्क के लिए छात्रों को टैबलेट दिए गए हैं। इससे छात्रों की पढ़ाई पर क्या असर पड़ रहा है? यह सवाल गांव के सरपंच से पूछा गया। इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘हमने गांव के सरकारी स्कूल के छात्रों के नतीजे देखे है। हम सभी ने यह पाया कि टैबलेट वाले छात्रों की पढ़ाई अच्छी नहीं हुई।
कुछ छात्रों की आपत्तिजनक सामग्री तक पहुंच भी मिली है।’ सरपंच और ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल को इसे लेकर पत्र लिखा है। इसमें इन टैबलेट्स को तुरंत वापस लेने की मांग की गई है, ताकि छात्र इस पर समय बर्बाद करने के बजाय पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करें।
टैबलेट से चिपके रहते हैं छात्र
पाई गांव के सरपंच राजबाला हाई स्कूल पास हैं। उन्होंने कहा कि इंटरनेट की मुफ्त पहुंच के कारण छात्र टैबलेट से चिपके रहते हैं। माता-पिता की ओर से लगातार यह शिकायत मिल रही है। उन्होंने कहा, ‘हमने इस मामले को स्कूल अधिकारियों के सामने उठाया था।
इस पर उन्होंने कहा कि यह उनके हाथ में नहीं है। इसके बाद हमने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा है।’ उन्होंने कहा कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई सही थी, लेकिन अब कक्षाएं ऑफलाइन हो गई हैं। ऐसे में टैबलेट की कोई जरूरत नहीं है।
माता-पिता को भी रखनी चाहिए नजर
कैथल जिला शिक्षा अधिकारी रविंदर कुमार ने कहा कि टैबलेट छात्रों के लिए बहुत उपयोगी है। इससे स्टूडेंट्स सीबीएसई स्कूलों के छात्रों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘माता-पिता को अपने बच्चों पर नजर रखनी चाहिए। इसका इस्तेमाल केवल शिक्षा और सीखने के लिए किया जाना चाहिए।’
इससे पहले जींद जिले के कई सरपंचों ने भी इसी तरह का मुद्दा उठाया था। इसे लेकर हरियाणा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया था। इसमें ई-अधिगम योजना को वापस लेने की मांग की थी, जिसके तहत कक्षा 10 से सरकारी स्कूलों में नामांकित करीब 5.34 लाख छात्रों को टैबलेट दिए गए थे। छात्रों को रोजाना इंटरनेट इस्तेमाल के लिए 2 जीबी डेट भी मुफ्त मिलता है। पिछले साल सरकार ने इस प्रोजेक्ट पर 620 करोड़ रुपये खर्च किए थे।